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Sunday, 27 November 2016

बेटी या लक्ष्मी? दिल को छू लेने वाली कहानी

_MUST READ_

इसे शांत चित्त से पढिए।
हर लड़की के लिए प्रेरक कहानी, और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा....
कोई भी लड़की की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
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अशोक भाई ने घर में पैर रखा....‘अरी सुनती हो!'
आवाज सुनते ही अशोक भाई की पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली-
"अपनी beti का रिश्ता आया है,
अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लड़के का नाम युवराज है।
बैँक मे काम करता है।
बस beti हाँ कह दे तो सगाई कर देते हैं"
Beti उनकी एकमात्र लड़की थी..
घर में हमेशा आनंद का वातावरण रहता था।
कभी कभार अशोक भाई सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन....

Monday, 10 October 2016

Heart Touching Short Story In Hindi

इसे पढ़ना ध्यान से-

एक छोटे बालक को आम का पेड बहोत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो तुरंत आम के पेड के पास पहुंच जाता। पेड के उपर चढना, आम खाना और खेलते हुए थक जाने पर आम की छाया मे ही सो जाना। बालक और उस पेड के बीच एक अनोखा संबंध बंध गया था।

बच्चा जैसे जैसे बडा होता गया वैसे वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया।
कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया।
आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता रहता।
एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी और आते देखा। आम का पेड खुश हो गया।

बालक जैसे ही पास आया  तुरंत पेड ने कहा, "तु कहां चला गया था? मै रोज़ तुम्हे याद किया करता था। चलो आज दोनो खेलते है।"
बच्चा अब बडा हो चुका था, उसने आम के पेड से कहा, अब मेरी खेलने की उम्र नही है। मुझे पढना है,
पर मेरे पास फी भरने के लिए पैसे नही है।"
पेड ने कहा, "तु मेरे आम लेकर बाजार मे जा और बेच दे,
इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।"

उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम उतार लिए, पेड़ ने भी ख़ुशी ख़ुशी दे दिए,और वो बालक उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया।

उसके बाद फिर कभी वो दिखाई नही दिया।
आम का पेड उसकी राह देखता रहता।
एक दिन अचानक फिर वो आया और कहा,
अब मुझे नौकरी मिल गई है, मेरी शादी हो चुकी है, मेरा संसार तो चल रहा है पर मुझे मेरा अपना घर बनाना है इसके लिए मेरे पास अब पैसे नही है।"

आम के पेड ने कहा, " तू चिंता मत कर अभी में हूँ न,
तुम मेरी सभी डाली को काट कर ले जा,
उसमे से अपना घर बना ले।"
उस जवान ने पेड की सभी डाली काट ली और ले के चला गया।

आम का पेड के पास कुछ नहीं था वो  अब बिल्कुल बंजर हो गया था।
कोई उसके सामने भी नही देखता था।
पेड ने भी अब वो बालक/ जवान उसके पास फिर आयेगा यह आशा छोड दी थी।

फिर एक दिन एक वृद्ध वहां आया। उसने आम के पेड से कहा,
तुमने मुझे नही पहचाना, पर मै वही बालक हूं जो बारबार आपके पास आता और आप उसे हमेशा अपने टुकड़े काटकर भी मेरी मदद करते थे।"
आम के पेड ने दु:ख के साथ कहा,
"पर बेटा मेरे पास अब ऐसा कुछ भी नही जो मै तुझे दे सकु।"
वृद्ध ने आंखो मे आंसु के साथ कहा,
"आज मै कुछ लेने नही आया हूं, आज तो मुझे तुम्हारे साथ जी भरके खेलना है, तुम्हारी गोद मे सर रखकर सो जाना है।"

ईतना कहते वो रोते रोते आम के पेड से लिपट गया और आम के पेड की सुखी हुई डाली फिर से अंकुरित हो उठी।

वो वृक्ष हमारे माता-पिता समान है, जब छोटे थे उनके साथ खेलना अच्छा लगता था।
जैसे जैसे बडे होते गये उनसे दुर होते गये।पास तब आये जब जब कोई जरूरत पडी, कोई समस्या खडी हुई।

आज भी वे माँ बाप उस बंजर पेड की तरह अपने बच्चों की राह देख रहे है।

आओ हम जाके उनको लिपटे उनके गले लग जाये जिससे उनकी वृद्धावस्था फिर से अंकुरित हो जाये।

यह कहानी पढ कर थोडा सा भी किसी को एहसास हुआ हो और अगर अपने माता-पिता से थोडा भी प्यार करते हो तो....
माँ बाप आपको सिर्फ प्यार प्यार प्यार देंगे....

Thursday, 7 July 2016

Intresting Short Story About The Real Ownership Of Kashmir

ये मैसेज बनाने वाले को १०० तोपो की सलामी🙏

😃एक पुराना चुटकुला 😃

एक बार संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को ले कर चर्चा चल रही थी।

एक भारतीय प्रवक्ता बोलने के लिए खड़ा हुआ। अपना पक्ष रखने से पहले उसने ऋषि कश्यप की एक बहुत पुरानी कहानी सुनाने की अनुमति माँगी। अनुमति मिलने के बाद भारतीय प्रवक्ता ने अपनी बात शुरू की....

"एक बार महर्षि कश्यप, जिनके नाम पर आज कश्मीर का नाम पड़ा है, घूमते-घूमते कश्मीर पहुंच गए।

वहाँ उन्होंने एक सुन्दर झील देखी तो उस झील में उनका नहाने का मन हुआ।

उन्होंने अपने कपड़े उतारे और झील में नहाने चले गए।

जब वो नहा कर बाहर निकले, तो उनके कपड़े वहाँ से गायब मिले।

दरअसल, उनके कपड़े किसी पाकिस्तानी ने चुरा लिये थे...."

इतने में पाकिस्तानी प्रवक्ता चीख पड़ा और बोला-
"क्या बकवास कर रहे हो? उस समय तो 'पाकिस्तान' था ही नहीं!"

भारतीय प्रवक्ता मुस्कुराया और बोला-

"और ये पाकिस्तानी कहते हैं कि कश्मीर इनका है!"  
😂😃

इतना सुनते ही... पूरा संयुक्त राष्ट्र सभा ठहाकों की गूंज से भर उठा।।
😂😝👏👏

एक हिन्दुस्तानी होने के नाते यह वाकया मुझे बहुत पसंद आया।

यदि पसंद आए तो आप भी इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें।
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

Saturday, 2 July 2016

Where Do Lakshmi Resides, Hindi Kahani

लक्ष्मीजी कहाँ रहती हैं ?

    एक बूढे सेठ थे। वे खानदानी रईस थे, धन-ऐश्वर्य प्रचुर मात्रा में था परंतु लक्ष्मीजी का तो है चंचल स्वभाव। आज यहाँ तो कल वहाँ!
सेठ ने एक रात को स्वप्न में देखा कि एक स्त्री उनके घर के दरवाजे से निकलकर बाहर जा रही है।
उन्होंने पूछा - ‘‘हे देवी आप कौन हैं ? मेरे घर में आप कब आयीं और मेरा घर छोडकर आप क्यों और कहाँ जा रही हैं?
वह स्त्री बोली - ‘‘मैं तुम्हारे घर की वैभव लक्ष्मी हूँ। कई पीढयों से मैं यहाँ निवास कर रही हूँ किन्तु अब मेरा समय यहाँ पर समाप्त हो गया है इसलिए मैं यह घर छोडकर जा रही हूँ। मैं तुम पर अत्यंत प्रसन्न हूँ क्योंकि जितना समय मैं तुम्हारे पास रही, तुमने मेरा सदुपयोग किया। संतों को घर पर आमंत्रित करके उनकी सेवा की, गरीबों को भोजन कराया, धर्मार्थ कुएँ-तालाब बनवाये, गौशाला व प्याऊ बनवायी। तुमने लोक-कल्याण के कई कार्य किये। अब जाते समय मैं तुम्हें वरदान देना चाहती हूँ। जो चाहे मुझसे माँग लो।
सेठ ने कहा - ‘‘मेरी चार बहुएँ है, मैं उनसे सलाह-मशवरा करके आपको बताऊँगा। आप कृपया कल रात को पधारें।
सेठ ने चारों बहुओं की सलाह ली।
उनमें से एक ने अन्न के गोदाम तो दूसरी ने सोने-चाँदी से तिजोरियाँ भरवाने के लिए कहा।

किन्तु सबसे छोटी बहू धार्मिक कुटुंब से आयी थी। बचपन से ही सत्संग में जाया करती थी।
उसने कहा - ‘‘पिताजी! लक्ष्मीजी को जाना है तो जायेंगी ही और जो भी वस्तुएँ हम उनसे माँगेंगे वे भी सदा नहीं टिकेंगी। यदि सोने-चाँदी, रुपये-पैसों के ढेर माँगेगें तो हमारी आनेवाली पीढी के बच्चे अहंकार और आलस में अपना जीवन बिगाड देंगे। इसलिए आप लक्ष्मीजी से कहना कि वे जाना चाहती हैं तो अवश्य जायें किन्तु हमें यह वरदान दें कि हमारे घर में सज्जनों की सेवा-पूजा, हरि-कथा सदा होती रहे तथा हमारे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम बना रहे क्योंकि परिवार में प्रेम होगा तो विपत्ति के दिन भी आसानी से कट जायेंगे।
दूसरे दिन रात को लक्ष्मीजी ने स्वप्न में आकर सेठ से पूछा - ‘‘तुमने अपनी बहुओं से सलाह-मशवरा कर लिया? क्या चाहिए तुम्हें?
सेठ ने कहा - ‘‘हे माँ लक्ष्मी! आपको जाना है तो प्रसन्नता से जाइये परंतु मुझे यह वरदान दीजिये कि मेरे घर में हरि-कथा तथा संतो की सेवा होती रहे तथा परिवार के सदस्यों में परस्पर प्रेम बना रहे।
यह सुनकर लक्ष्मीजी चौंक गयीं और बोलीं - ‘‘यह तुमने क्या माँग लिया। जिस घर में हरि-कथा और संतो की सेवा होती हो तथा परिवार के सदस्यों में परस्पर प्रीति रहे वहाँ तो साक्षात् नारायण का निवास होता है और जहाँ नारायण रहते हैं वहाँ मैं तो उनके चरण पलोटती (दबाती) हूँ और मैं चाहकर भी उस घर को छोडकर नहीं जा सकती। यह वरदान माँगकर तुमने मुझे यहाँ रहने के लिए विवश कर दिया है!

Sunday, 5 June 2016

Heart Touching Short Story Of Father And Son In Hindi

पिता और पुत्र की दिल को छू लेने वाली लघु कहानी-
एक पिता ने अपने पुत्र की बहुत अच्छी तरह से परवरिश की ! उसे अच्छी तरह से पढ़ाया, लिखाया, तथा उसकी सभी आर्थिक, शैक्षणिक, सभी कामनाओ की सभी तरह से पूर्ती की ! फलस्वरूप उसका पुत्र एक सफल इंसान बना और एक मल्टी नेशनल कंपनी में सी इ ओ बन गया ! उच्च पद, अच्छा वेतन, सभी सुख सुविधाए उसे कंपनी की और से प्रदान की गई !समय गुजरता गया उसका विवाह एक सुलक्षणा कन्या से हो गया ! और उसके एक सुन्दर कन्या भी हो गई ! पिता अब बूढा हो चला था ! एक दिन पिता को पुत्र से मिलने की इच्छा हुई और वो पुत्र से मिलने उसके शहर में उसके ऑफिस में गया ! वहां उसने देखा की उसका पुत्र एक शानदार ऑफिस का मालिक बना हुआ है उसके ऑफिस में सेकड़ो कर्मचारी उसके मातहत कार्य कर रहे है ! ये सब देख कर पिता का सीना गर्व से फूल गया !वो चुपके से उसके चेंबर में पीछे से जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया !और प्यार से अपने पुत्र से पुछा "इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है"? पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हसते हुए कहा "मेरे आलावा कौन हो सकता है पिताजी"! पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उसे विशवास था की उसका बेटा गर्व से कहेगा पिताजी इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान आप है जिन्होंने मुझे इस दुनिया का इतना शक्तिशाली बनाया ! उनकी आँखे छलछला आई ! वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे !उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः बेटे से पुछा एक बार फिर बताओ इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान कौन है ? पुत्र ने इस बार कहा "पिताजी आप है इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान"! पिता आश्चर्यचकित हो गए उन्होंने कहा "अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे अब तुम मुझे बता रहे हो"! पुत्र ने हसते हुए उन्हें अपने सामने बैठाते हुए कहा "पिताजी उस समय आप का हाथ मेरे कंधे पर था, जिस पुत्र के कंधे पर या सर पर पिता का हाथ हो वो पुत्र तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना, बोलिए पिताजी" ! पिता की आँखे भर आई उन्होंने अपने पुत्र को कस कर के अपने गले लगा लिया !
सच है जिस के कंधेपर या सर पर पिता का हाथ होता है वो इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान होता है !

Saturday, 12 December 2015

Tit For Tat Very Funny Short Story

दो आदमी एक ढाबे पर रुके अपना स्कूटर खडा किया और एक शांत से ट्रक वाले को खिजाने के लिए उसकी थाली को खींच लिया और पूरा खाना खा गए..
ट्रक वाले ने कुछ नहीं कहा।
वह शांति से उठा और बिल के पैसे देकर बाहर चला गया।
उसके जाने के बाद ये दोनों हँसने लगे,
एक ने कहा "कितना बेवकूफ ट्रक वाला था"
दूसरे ने कहा और दरपोंक भी था।
वेटर पास ही खडा हुआ था,
बाहर की तरफ देखते हुए कहने लगा
और तो और कितना अनाड़ी ड्राइवर भी!
बाहर आप दोनों की स्कूटरों को अपने ट्रक से रोंदता हुआ चला गया।

Heart Touching Sad Story Of A Girl's Father

एक पिता की दर्द भरी दास्ताँ 💔
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घर गिरवी रखकर शर्मा जी ने अपनी बेटी की शादी कर दी.
कुछ दिनों के बाद ही गाडी की डिमांड शुरु हो गई और बिटिया को ये कहकर दामाद एक दिन घर के बाहर छोड़ कर चला गया कि गाडी लाये बगैर न आना और एक दिन शर्माजी गाडी ले आये और बेटी को दामाद विदा कराकर ले गया.
पत्नि गुस्से में- आज गाडी माँगी कल को कुछ और मांगेगे तो....?
शर्माजी के होठों पर दर्द भरी मुस्कान और बोले- तो क्या हुआ ?
अभी एक और किडनी बाकी है !

Sunday, 6 December 2015

Inspiring Short Story In Hindi

Two Brothers Inspiring Short Story In Hindi / दो भाइयों की प्रेरणादायक कहानी-

Two Brothers Inspiring Short Story In Hindi
Two Brothers Inspiring Short Story In Hindi

Thursday, 3 December 2015

Postman And A Girl - Heart Touching Emotional Story

'पोस्टमैन और एक लड़की' - एक ऐसी कहानी जिसको पढ़कर आपका दिल भी पसीज उठेगा   

     एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा, "चिट्ठी ले लीजिये।"अंदर से एक बालिका की आवाज आई, "आ रही हूँ।" लेकिन तीन-चार मिनट तक कोई न आया तो पोस्टमैन ने फिर कहा, "अरे भाई! मकान में कोई है क्या, अपनी चिट्ठी ले लो। "लड़की की फिर आवाज आई, "पोस्टमैन साहब, दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए, मैं आ रही हूँ। "पोस्टमैन ने कहा, "नहीं, मैं खड़ा हूँ, रजिस्टर्ड चिट्ठी है, पावती पर तुम्हारे साइन चाहिये। "करीबन छह-सात मिनट बाद दरवाजा खुला। पोस्टमैन इस देरी के लिए झल्लाया हुआ तो था ही और उस पर चिल्लाने वाला था ही, लेकिन दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया, सामने एक अपाहिज कन्या जिसके पांव नहीं थे, सामने खड़ी थी। पोस्टमैन चुपचाप पत्र देकर और उसके साइन लेकर चला गया।

ज़िन्दगी की करवटे कभी कभी भूल सुधार का मौका नहीं देती - दिल को छू लेने वाली कहानी

एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे।
शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे।
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एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी
पर बीबी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी।
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सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया।
बीबी रूआंसी हो गई।
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दो घण्टे बाद डोरबेल बजी वो दौड़ती हुई गई जाकर दरवाजा खोला।

Saturday, 28 November 2015

माँ मैं एक पार्टी में गया था....

    

     माँ मैं एक पार्टी में गया था। तूने मुझे शराब नहीं पीने को कहा था, इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे और मैं सोडा पीता रहा।  लेकिन मुझे सचमुच अपने पर गर्व हो रहा था।

     माँ, जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना'। मैंने वैसा ही किया। घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं, भले ही बाकी दोस्तों ने मौजमस्ती के नाम पर जमकर पी।  उन्होंने मुझे भी पीने के लिए बहुत उकसाया था। पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे शराब नहीं पीनी है और मैंने सही किया था। माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो।

असहिष्णुता / intolerance पर एक लघु कहानी

एक राजा अपने लश्कर के साथ नाव में लौट रहा था..
राजा ने कुछ गुलाम भी खरीदे थे जो उसी नाव में लौट रहे थे।
जैसे ही नाव चली तो एक गुलाम डर के मारे चिल्लाने लगा क्यों की वो कभी नाव में बैठा नहीं था।
परेशान राजा ने वजीर से कहा की इसे चुप कराओ।
राजा की बात सुनके वजिर ने उसे चुप कराने का प्रयत्न किया और ना चुप रहने पर आखिर कार उसे पानी में फेंक दिया।
फिर वजीर ने कहा इसे पानी से निकालो, पानी से निकाल ने के बाद गुलाम चुप बैठ गया।
राजा ने कहा वजीर ये क्या माजरा है, गुलाम एकदम से चुप कैसे बैठ गया.. वजीर ने कहा जहापनाह ये गुलाम नाव में सुरक्षित बैठने का आराम और पानी में डूबने की तकलीफ नहीं जानता था,
जब इसे पानी में फेंका गया तब इसे समझ में आया की नाव में सुरक्षित बैठना क्या होता है..
इस कहानी का आमिरखान से कोई संबंध नही है।

Tuesday, 24 November 2015

एक प्याली चाये का भरोसा - Heart Touching Short Story

     ट्रेन में अभी भी दो घंटा विलम्व था और मैं पिछले एक घंटे से प्लेटफार्म पर पड़ा था। बहुत उबासी आ रही थी.. इसलिए चाय पीने का मन हो आया। प्लेटफार्म से बाहर बहुत सारे दुकानें अभी भी खुली थी मगर अपने सामान को इस तरह छोड़कर मैं नहीं जा सकता।

     मुझसे कुछ दूरी पर गंदे-फटे कपड़ों में भिखारियों के बच्चे खेल रहे थे, कौतूहलवश मैं उन्हे देखने लगा। चार

Thursday, 19 November 2015

Very Heart Touching Short Story

वृद्धाश्रम एवं अनाथालय

     एक बेटा अपने बूढ़े पिता को वृद्धाश्रम एवं अनाथालय में छोड़कर वापस लौट रहा था। उसकी पत्नी ने उसे यह सुनिश्चत करने के लिए फोन किया कि पिता त्योहार वगैरह की छुट्टी में भी वहीं रहें। घर ना चले आया करें ! बेटा पलट के गया तो पाया कि उसके पिता वृद्धाश्रम के प्रमुख के साथ ऐसे घुल-मिल कर बात कर रहे हैं जैसे बहुत पुराने और प्रगाढ़ सम्बंध हों।
तभी उसके पिता अपने कमरे की व्यवस्था देखने के लिए वहाँ से चले गए। अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए बेटे ने अनाथालय प्रमुख से पूँछ ही लिया-
"आप मेरे पिता को कब से जानते हैं ? "
मुस्कुराते हुए वृद्ध ने जवाब दिया-
"पिछले तीस साल से....
जब वो हमारे पास से एक अनाथ बच्चे को गोद ले कर गए थे"

Saturday, 14 November 2015

Sad Love Story Of True Love

   
sad, love, pain, story

    एक दिन एक लड़की के पास Facebook पर एक लड़के की friend Request आती है। लड़के की Pic देख कर लड़की उसे Cancel कर देती है। क्योँकि लड़के की Pic उसे पंसद नहीँ आती, पर लड़का बार-बार उसे Request, send करता है। इस से तंग आकर लड़की उसे add कर लेती है। अब लड़का उसे कभी good morning.. good evening.. खाना खाया.. ये सब msg करने लगा। लड़की ignore करती पर बार-बार msg करने पर वो Reply देने लगी। धीरे-धीरे दोनोँ बहुत अच्छे दोस्त बन गये....

Friday, 13 November 2015

Haryanvi Tau Ke Jalwe - Story

   
Haryanvi Tau Ke Jalwe
Haryanvi Tau
    एक गांव में एक ताऊ रहता था। परंतु ताऊ की पत्नी ताई बहुत ही खुर्राट थी। उसने नियम बना रखा था कि सुबह उठते ही घर के बाहर एक नियत जगह पर ताऊ को खड़ा करके रोज उसके बीस जूते जरुर मारने है। इस नियम का ताई कठोरता से पालन करती थी। ताऊ शादी के कई महीनों तक तो इस उम्मीद के साथ जूते खाता रहा कि कभी तो ताई को तरस आएगा और जूते मारने का नियम छोड़ देगी, पर ताई कहाँ मानने वाली थी। आखिर एक दिन ताऊ काम के बहाने घर से निकला और गांव

Saturday, 7 November 2015

ग़रीबी, भुखमरी और माँ / Mother With Poverty And Hunger

Mother and Hunger
ग़रीबी और माँ



















एक गरीब FAMILY थी....!
जिस मे 5 लोग थे।
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माँ बाप और 3 बच्चे
बाप हमेशा बीमार रहता था ।