एक पिता की दर्द भरी दास्ताँ 💔
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घर गिरवी रखकर शर्मा जी ने अपनी बेटी की शादी कर दी.
कुछ दिनों के बाद ही गाडी की डिमांड शुरु हो गई और बिटिया को ये कहकर दामाद एक दिन घर के बाहर छोड़ कर चला गया कि गाडी लाये बगैर न आना और एक दिन शर्माजी गाडी ले आये और बेटी को दामाद विदा कराकर ले गया.
पत्नि गुस्से में- आज गाडी माँगी कल को कुछ और मांगेगे तो....?
शर्माजी के होठों पर दर्द भरी मुस्कान और बोले- तो क्या हुआ ?
अभी एक और किडनी बाकी है !
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घर गिरवी रखकर शर्मा जी ने अपनी बेटी की शादी कर दी.
कुछ दिनों के बाद ही गाडी की डिमांड शुरु हो गई और बिटिया को ये कहकर दामाद एक दिन घर के बाहर छोड़ कर चला गया कि गाडी लाये बगैर न आना और एक दिन शर्माजी गाडी ले आये और बेटी को दामाद विदा कराकर ले गया.
पत्नि गुस्से में- आज गाडी माँगी कल को कुछ और मांगेगे तो....?
शर्माजी के होठों पर दर्द भरी मुस्कान और बोले- तो क्या हुआ ?
अभी एक और किडनी बाकी है !
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