Saturday, 28 November 2015

माँ मैं एक पार्टी में गया था....

    

     माँ मैं एक पार्टी में गया था। तूने मुझे शराब नहीं पीने को कहा था, इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे और मैं सोडा पीता रहा।  लेकिन मुझे सचमुच अपने पर गर्व हो रहा था।

     माँ, जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना'। मैंने वैसा ही किया। घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं, भले ही बाकी दोस्तों ने मौजमस्ती के नाम पर जमकर पी।  उन्होंने मुझे भी पीने के लिए बहुत उकसाया था। पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे शराब नहीं पीनी है और मैंने सही किया था। माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो।
     
     पार्टी अब लगभग खत्म होने को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। माँ, अब जब मैं अपनी कार में बैठ रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ समय बाद मैं अपने घर अपनी प्यारी स्वीट माँ और पापा के पास रहूंगा। तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और संस्कारों ने मुझे जिम्मेदारी सिखायी और लोग
कहते हैं कि मैं समझदार हो गया हूँ माँ, मैं घर आ रहा हूँ और अभी रास्ते में हूँ।  आज हमने बहुत मजा की और मैं बहुत खुश हूँ।

     लेकिन ये क्या माँ.... शायद दूसरी कारवाले ने मुझे देखा नहीं और ये भयानक टक्कर.... माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ। मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़ रही है और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी। दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था। पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं क्यों चुकाऊं?

     माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और जी पाऊंगा। माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम लोग मेरे पास क्यों नहीं हो। माँ, बताओ ना ऐसा क्यों हो गया। कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर हो जाऊँगा। मेरे आसपास ये गीला-गीला और लाल-लाल क्या लग रहा है। ओह! ये तो खून है और वो भी सिर्फ मेरा। मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है जो कह रहे हैं कि मैं बच नहीं पाऊंगा। तो क्या माँ, मैं सचमुच मर जाऊँगा। मेरा यकीन मानो माँ। मैं तेरी कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब नहीं पी थी। मैं उस दूसरी गाड़ी चलाने वाले को जानता हूँ। वो भी उसी पार्टी में था और खूब पी रहा था। माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और लोगों की जिंदगी से खेलते हैं उफ! कितना दर्द हो रहा है। मानो किसी ने चाकू चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो। जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने घर चला गया और मैं यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन रहा हूँ। तुम ही कहो माँ, क्या ये ठीक हुआ?

     घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं। पापा से धीरज रखने को कहना। मुझे पता है, वो मुझे कितना चाहते हैं और मेरे जाने के बाद तो टूट ही जाएंगे। पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते थे। पापा, मेरा विश्वास करो, मेरी कोई गलती नहीं थी। अब मुझसे बोला भी नहीं जा रहा। कितनी पीड़ा! साँस लेने में तकलीफ हो रही है। माँ-पापा, आप मेरे पास क्यों नहीं हो। शायद मेरी आखिरी घड़ी आ गयी है। ये अंधेरा सा क्यों लग रहा है। बहुत डर लग रहा है। माँ-पापा प्लीज़ रोना नहीं। मै हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में आपके पास ही रहूंगा। माँ, मैं जा रहा हूँ। पर जाते-जाते ये सवाल ज़रूर पूछुंगा कि ये लोग पीकर गाड़ी क्यों चलाते हैं। अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं आज जिंदा, अपने घर, अपने परिवार के साथ होता।

     मित्रो, इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाए ताकि किसी के शराब पीकर गाड़ी चलाने से किसी और के घर का चिराग ना बुझने पाय....!

परन्तु कुछ लोग इसे Send नहीं करेगें क्योकि उनके पास समय नहीं होता है किसी के लिए।

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