Showing posts with label Ayurveda And Health. Show all posts
Showing posts with label Ayurveda And Health. Show all posts

Wednesday, 8 March 2017

Skin Disease Symptoms And Cure In Hindi

चर्म रोग (Skin Disease)

परिचय -

हमारे शरीर की त्वचा मुख्य रूप से मल-निष्कासक अंगों के अन्तर्गत आती हैं। त्वचा के माध्यम से प्रतिदिन पसीने के रूप में हमारे शरीर की अधिकांश गंदगी बाहर निकलती रहती है। जब तक हमारी त्वचा स्वस्थ रहती है तब तक शरीर के अन्दर किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं रहती हैं। लेकिन जब किसी कारण से यह अस्वस्थ हो जाती है तब इसके छिद्र बंद हो जाते हैं या शरीर में गंदगी का भार इतना अधिक बढ़ जाता है कि वह इस अंग द्वारा बाहर नहीं निकल पाती तो प्रकृति शरीर को मल-भार से मुक्त करने के लिए बहुत से रोग उत्पन्न कर देती है। जिससे यह गंदगी शरीर के बाहर निकलने लगती है। ये रोग इस प्रकार हैं- खाज-खुजली, दाद, फोड़े-फुन्सियां, उकवात, पामा, छाजन, कुष्ठ, चेचक तथा कण्ठमाला आदि। ये सभी चर्म रोग होते हैं।

चर्म रोग के लक्षण-

          इस रोग से पीड़ित रोगी की त्वचा पर सूजन हो जाती है तथा उसके फोड़े-फुंसियां निकलने लगता है। रोगी व्यक्ति को खुजली तथा दाद हो जाता है और उसके शरीर पर छोटे-छोटे लाल या पीले दाने निकल आते हैं।

चर्म रोग होने का कारण -

चर्म रोग होने का सबसे प्रमुख कारण शरीर में दूषित द्रव्य का जमा हो जाना होता है।चर्म रोग कभी भी स्थानीय नहीं होते हैं बल्कि अन्य रोगों की तरह ही यह शरीर के अन्दर खराबी और गंदगी के कारण होते हैं।चर्म रोग भूख से अधिक भोजन करने, संतुलित भोजन न करने, उचित तथा नियमित व्यायाम न करने, आराम न करने, अच्छी तरह से नींद न लेने के कारण होता है।चाय-कॉफी तथा नशीली वस्तुओं का अधिक सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।दूषित भोजन का सेवन करने के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं।कब्ज, सिर में दर्द, पेचिश आदि अन्य रोगों के कारण भी चर्म रोग हो सकते हैं।अधिक गर्म तथा ठंडे मौसम के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं।पाचन क्रिया तथा यकृत में खराबी आ जाने के कारण चर्म रोग हो जाते हैं।जिस व्यक्ति के पेट में कीड़ें होते हैं उसे भी चर्म रोग हो जाते हैं।शरीर की अच्छी तरह से सफाई न करने के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं।गीले वस्त्र तथा अधिक गर्म वस्त्र पहनने के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं।मानसिक तनाव चिंता के कारण भी चर्म रोग हो सकते हैं।रोगी व्यक्ति के वस्त्रों को पहनने तथा उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का उपयोग करने से भी चर्म रोग हो जाते हैं।

चर्म रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार -

इस रोग से पीड़ित रोगी को कम से कम 7 दिनों तक गाजर, ककड़ी, पालक, गाजर, पत्तागोभी, सफेद पेठा आदि फलों का रस पीना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। फिर कुछ दिनों तक बिना पका हुआ भोजन जैसे-सलाद, अंकुरित खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए।करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।मेथीदाना को पानी में कम से कम 10 घण्टे तक भिगोकर रख लें। इस पानी को सुबह के समय में प्रतिदिन पीने से कुछ ही दिनों में चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।प्रतिदिन सुबह के समय में तुलसी की पत्तियां तथा अंजीर खाने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करें तथा नीम के पानी से एनिमा क्रिया करें। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन कुंजल तथा शंख प्रक्षालन क्रिया करनी चाहिए। इसके साथ-साथ कुछ आसन तथा यौगिक क्रिया करने से भी रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन तथा यौगिक क्रियाएं हैं जिन्हें प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के साथ-साथ करने से चर्म रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं। ये आसन तथा यौगिक क्रियाएं इस प्रकार हैं- सर्वांगासन, मत्स्यासन, सूर्य नमस्कार, योगनिद्रा, पश्चिमोत्तानासन, जालंधर, उडि्डयान बंध, शीतली, कपालभाति तथा नाड़ीशोधन, भस्त्रिका आदि।प्रतिदिन सूर्य तप्त हरी बोतल का पानी पीने तथा उसका तेल त्वचा पर लगाने से चर्म रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।यदि रोगी व्यक्ति खाज पर तुलसी का रस या फिर नींबू का रस लगाए तो उसे बहुत अधिक लाभ मिलता है जिसके फलस्वरूप खाज ठीक हो जाती है।नींबू के रस को नारियल के तेल में मिलाकर प्रतिदिन त्वचा पर लगाने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।नारियल के तेल में कपूर मिलाकर दाद या खाज पर लगाने से लाभ होता है।दाद तथा खाज पर पुदीने का रस लगाने से ये जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।दाद पर गर्म ठंडा सेंक करके मिट्टी की पट्टी लगाने से दाद ठीक हो जाता है।मस्से पर कच्चा आलू या कच्चा प्याज काटकर 2 सप्ताह तक दिन में 4 बार लगाने से लाभ होता है।यदि किसी व्यक्ति को फोड़ा हो गया है तो उस पर पान का पत्ता गर्म करके या फिर अरन्डी का तेल लगाकर रात भर किसी पट्टी से बांध लें। इससे फोड़ा जल्दी पककर फूट जाएगा तथा उसके अन्दर की मवाद बाहर आ जाएगी और कुछ ही दिनों में फोड़ा ठीक हो जाएगा।फोड़े पर हल्दी का लेप लगाने या फिर नमक मिले पानी से फोडे़ को धोने से फोड़ा पककर फूट जाता है और जल्दी ही ठीक हो जाता है।फोड़े के ऊपर बर्फ बांधने से फोड़े का दर्द तथा सूजन कम हो जाती है। फोड़े की सिंकाई करके उस पर मिट्टी लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।यदि चेहरे पर किसी प्रकार के फोड़े या फुंसियां हैं तो तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से चेहरे को धोएं। इस क्रिया को दिन में कम से कम 3 बार करने से चेहरे के फोड़े-फुंसिया ठीक हो जाती हैं।2 बड़े चम्मच अजवायन को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे दही में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सोते समय चेहरे पर लगा लें और सुबह के समय में गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें, इससे चेहरे के फोड़े-फुंसियां तथा मुहांसे ठीक हो जाते हैं।इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को तेल, खटाई, मसालेदार, नशीली चीजों आदि अम्लकारक खाद्य-पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे चर्म रोग और बढ़ने लगते हैं।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को धूप में बैठकर अपने शरीर पर शुद्ध सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए और उसके बाद रगड़-रगड़ कर ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।चर्म रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण पेट के रोग है इसलिए इस रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को सादा और बिना चिकनाई वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके बाद चेहरे के मुंहासों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करना चाहिए।चोकर सहित आटे की रोटी, दही और मठ्ठे आदि का सेवन करने से चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को कुछ दिनों तक प्रतिदिन 1-2 बार पेड़ू पर गीली मिट्टी की पट्टी का आधे-आधे घण्टे तक लेप करना चाहिए। यदि रोगी को कब्ज हो तो कब्ज को दूर करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करना चाहिए तथा 24 घण्टे में एक बार एनिमा लेना चाहिए।किसी चौड़े मुंह वाले बर्तन में पानी भरकर, इसे आग पर उबलने के लिए रख दें। जब भाप निकलने लगे तो आग से बर्तन को उतार लें और लगभग 15 मिनट तक चेहरे पर भाप लें। इसके बाद मुलायम तौलिया से चेहरे को धीरे-धीरे रगड़कर साफ कर लें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो ले। इस प्रकार की क्रिया प्रतिदिन करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।संतरे का छिलका पानी में पीसकर दिन में 3 बार चेहरे पर मलने से चेहरा साफ हो जाता है।दही में काली चिकनी मिट्टी को मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को रात के समय में चेहरे पर लगाकर सो जाएं। फिर इसके बाद सुबह के समय में उठकर चेहरे को धो ले। इस प्रकार से यह क्रिया कुछ दिनों तक करने से चर्म रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को आसमानी रंग की बोतल का सूर्यतप्त जल 20 मिलीलीटर की प्रति मात्रा में प्रतिदिन 6 से 7 बार पीने तथा शरीर के रोगग्रस्त भाग पर हरे रंग का प्रकाश दिन में 25 मिनट तक डालने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

जानकारी-

चर्म रोग से पीड़ित रोगी को अपने भोजन में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को चीनी, रिफाइण्ड में बने खाद्य पदार्थ, चाय, कॉफी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।चर्म रोग से पीड़ित रोगी को एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसका मूत्र साफ होता रहे, त्वचा से पसीना निकलता रहे, फेफड़े ठीक काम करते रहें और पेट में कब्ज ना रहने दे ।
डा. पवन कुमार  (डी•एन•वाई•एस•)
               नेचुरोपैथी फिजिशियन
     [ प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र ]
                          ग्रेटर नोएडा

Monday, 20 February 2017

Health Tips About Various Things In Hindi

👉 आंवला
किसी भी रूप में थोड़ा सा
आंवला हर रोज़ खाते रहे,
जीवन भर उच्च रक्तचाप
और हार्ट फेल नहीं होगा।

👉 मेथी
मेथीदाना पीसकर रख ले।
एक चम्मच एक गिलास
पानी में उबाल कर नित्य पिए।
मीठा, नमक कुछ भी नहीं डाले।
इस से आंव नहीं बनेगी,
शुगर कंट्रोल रहेगी और
जोड़ो के दर्द नहीं होंगे
और पेट ठीक रहेगा।

👉 नेत्र स्नान
मुंह में पानी का कुल्ला भर कर
नेत्र धोये।
ऐसा दिन में तीन बार करे।
जब भी पानी के पास जाए
मुंह में पानी का कुल्ला भर ले
और नेत्रों पर पानी के छींटे मारे, धोये।
मुंह का पानी एक मिनट बाद
निकाल कर पुन: कुल्ला भर ले।
मुंह का पानी गर्म ना हो इसलिए
बार बार कुल्ला नया भरते रहे।

भोजन करने के बाद गीले हाथ
तौलिये से नहीं पोंछे।
आपस में दोनों हाथो को रगड़ कर
चेहरा व कानो तक मले।
इससे आरोग्य शक्ति बढ़ती हैं।
नेत्र ज्योति ठीक रहती हैं।

👉 शौच
ऐसी आदत डाले के नित्य
शौच जाते समय दाँतो को
आपस में भींच कर रखे।
इस से दांत मज़बूत रहेंगे,
तथा लकवा नहीं होगा।

👉 छाछ
तेज और ओज बढ़ने के लिए
छाछ का निरंतर सेवन
बहुत हितकर हैं।
सुबह और दोपहर के भोजन में
नित्य छाछ का सेवन करे।
भोजन में पानी के स्थान पर
छाछ का उपयोग बहुत हितकर हैं।

👉 सरसों तेल
सर्दियों में हल्का गर्म सरसों तेल
और गर्मियों में ठंडा सरसों तेल
तीन बूँद दोनों कान में
कभी कभी डालते रहे।
इस से कान स्वस्थ रहेंगे।

👉 निद्रा
दिन में जब भी विश्राम करे तो
दाहिनी करवट ले कर सोएं। और
रात में बायीं करवट ले कर सोये।
दाहिनी करवट लेने से बायां स्वर
अर्थात चन्द्र नाड़ी चलेगी, और
बायीं करवट लेने से दाहिना स्वर
अर्थात सूर्य स्वर चलेगा।

👉 ताम्बे का पानी
रात को ताम्बे के बर्तन में
रखा पानी सुबह उठते बिना
कुल्ला किये ही पिए,
निरंतर ऐसा करने से आप
कई रोगो से बचे रहेंगे।
ताम्बे के बर्तन में रखा जल
गंगा जल से भी अधिक
शक्तिशाली माना गया हैं।

👉 सौंठ
सामान्य बुखार, फ्लू, जुकाम
और कफ से बचने के लिए
पीसी हुयी आधा चम्मच सौंठ
और ज़रा सा गुड एक गिलास पानी में
इतना उबाले के आधा पानी रह जाए।
रात को सोने से पहले यह पिए।
बदलते मौसम, सर्दी व वर्षा के
आरम्भ में यह पीना रोगो से बचाता हैं।
सौंठ नहीं हो तो अदरक का
इस्तेमाल कीजिये।

👉 टाइफाइड
चुटकी भर दालचीनी की फंकी
चाहे अकेले ही चाहे शहद के साथ
दिन में दो बार लेने से
टाइफाईड नहीं होता।

👉 ध्यान
हर रोज़ कम से कम 15 से 20
मिनट मैडिटेशन ज़रूर करे।

👉 नाक
रात को सोते समय नित्य
सरसों का तेल नाक में लगाये।
हर तीसरे दिन दो कली लहसुन
रात को भोजन के साथ ले।
प्रात: दस तुलसी के पत्ते और
पांच काली मिर्च नित्य चबाये।
सर्दी, बुखार, श्वांस रोग नहीं होगा।
नाक स्वस्थ रहेगी।

👉 मालिश
स्नान करने से आधा घंटा पहले
सर के ऊपरी हिस्से में
सरसों के तेल से मालिश करे।
इस से सर हल्का रहेगा,
मस्तिष्क ताज़ा रहेगा।
रात को सोने से पहले
पैर के तलवो, नाभि,
कान के पीछे और
गर्दन पर सरसों के तेल की
मालिश कर के सोएं।
निद्रा अच्छी आएगी,
मानसिक तनाव दूर होगा।
त्वचा मुलायम रहेगी।
सप्ताह में एक दिन पूरे शरीर में
मालिश ज़रूर करे।

👉 योग और प्राणायाम
नित्य कम से कम आधा घंटा
योग और प्राणायाम का
अभ्यास ज़रूर करे।

👉 हरड़
हर रोज़ एक छोटी हरड़
भोजन के बाद दाँतो तले रखे
और इसका रस धीरे धीरे
पेट में जाने दे।
जब काफी देर बाद ये हरड़
बिलकुल नरम पड़ जाए
तो चबा चबा कर निगल ले।
इस से आपके बाल कभी
सफ़ेद नहीं होंगे,
दांत 100 वर्ष तक निरोगी रहेंगे
और पेट के रोग नहीं होंगे।

👉 सुबह की सैर
सुबह सूर्य निकलने से पहले
पार्क या हरियाली वाली जगह पर
सैर करना सम्पूर्ण स्वस्थ्य के लिए
बहुत लाभदायक हैं।
इस समय हवा में प्राणवायु का
बहुत  संचार रहता हैं।
जिसके सेवन से हमारा पूरा शरीर
रोग मुक्त रहता हैं और हमारी
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती हैं।

👉 घी खाये मांस बढ़े,
  अलसी खाये खोपड़ी,
     दूध पिये शक्ति बढ़े,
भुला दे सबकी हेकड़ी।

👉तेल तड़का छोड़ कर
       नित घूमन को जाय,
       मधुमेह का नाश हो
     जो जन अलसी खाय ।।

Health Benefits Of Eating Sapodilla or Chiku In Hindi

चीकू एक छोटा सा दिखने वाला फल और फायदे इतने बड़े. शायद आपको नहीं पता हो की चीकू हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद हैं, इसीलिए हमनें चीकू खाने के फायदो की पोस्ट बनाई ताकि किसी को चीकू के बारे में पता हो तो वह आसानी से जान सकें, हाँ एक बात और पोस्ट पढ़ने में बिल्कुल भी आलस न करें। चीकू खाने के फायदे जरूर पढ़ें। शायद आपके कुछ काम आ जाये।
चीकू खाने के 19 फायदे | Sapota (Chiku) khane ke fayde in Hindi
1. चीकू में विटामिन ए की मात्रा होती है, जिसके कारण हमारी आंखें कमजोर नहीं होती हैं, और बुढ़ापे में चश्मे की जरूरत नहीं पड़ती हैं।
2. जो लोग हर रोज वर्कआउट करते हैं, उनके लिए चीकू सोने पर सुहागा है क्योंकि चीकू खाने से हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती हैं।
3. चीकू खाने से हम कब्ज दस्त और एनीमिया जैसी बीमारियों से बच सकते हैं, और यह हमारी आंतों की शक्ति को बढ़ाता हैं।
4. चीकू में बेटा-क्राइटॉक्सथीन होता हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम रहता हैं।
5. चीकू खाने से हमारी हड्डियां मजबूत हो जाती हैं, क्योंकि इसमें कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
6. चीकू का नियमित रूप से सेवन करने से पेशाब जलन की समस्या दूर हो जाती हैं।
7. चीकू खाने से हमारा दिमाग शांत रहता है और तनाव भी नहीं होता हैं।
8. चीकू हमारे ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता हैं।
9. अगर भोजन 1 घंटा के बाद चीकू खाया जाए तो इसका फायदा दोगुना हो जाता हैं, इसलिए चीकू का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
10. चीकू में मौजूद विटामिन ए और विटामिन बी से त्वचा की सुरक्षा होती हैं, और रंग निखरता हैं।
11. गर्भवती महिला के लिए चीकू बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसे खाने से शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती हैं।
12. चीकू में एंटी वायरल व एंटीबैक्टीरिया प्राॅपर्टीज होती हैं, जिनके कारण किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हमारे शरीर पर असर नहीं करता हैं।
13. चीकू को पानी में उबालकर खाने से क्या उस पानी को पीने से बवासीर रोग दूर हो जाता हैं।
14. चीकू खाने से सर्दी जुखाम और कफ की परेशानी से छुटकारा मिल जाता हैं, इसलिए सर्दी में चीकू का सेवन जरूर करें।
15. चीकू के सेवन से हम नींद मैं आने वाली बीमारी से भी बच सकते हैं।
16. इसको खाने से हमारे दांतों में कैबिटी नहीं होती हैं।
17. चीकू में मौजूद पोटासियम, आयरन, फोलेट हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।
18. चीकू वजन घटाने में बहुत लाभ दायक होता है। यह गैस्ट्रिक एंजाइमों को खत्म करके पाचन तंत्र को मजबूत कर मोटापे से बचाता हैं।
19. चीकू में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने में सहायक हैं, यह चेहरे पर झुर्रियों को भी कम कर देता हैं।

Sunday, 19 February 2017

Health Benefits Of Eating Sapodilla or Chiku In Hindi

चीकू एक छोटा सा दिखने वाला फल और फायदे इतने बड़े. शायद आपको नहीं पता हो की चीकू हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद हैं, इसीलिए हमनें चीकू खाने के फायदो की पोस्ट बनाई ताकि किसी को चीकू के बारे में पता हो तो वह आसानी से जान सकें, हाँ एक बात और पोस्ट पढ़ने में बिल्कुल भी आलस न करें। चीकू खाने के फायदे जरूर पढ़ें। शायद आपके कुछ काम आ जाये।
चीकू खाने के 19 फायदे | Sapota (Chiku) khane ke fayde in Hindi
1. चीकू में विटामिन ए की मात्रा होती है, जिसके कारण हमारी आंखें कमजोर नहीं होती हैं, और बुढ़ापे में चश्मे की जरूरत नहीं पड़ती हैं।
2. जो लोग हर रोज वर्कआउट करते हैं, उनके लिए चीकू सोने पर सुहागा है क्योंकि चीकू खाने से हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती हैं।
3. चीकू खाने से हम कब्ज दस्त और एनीमिया जैसी बीमारियों से बच सकते हैं, और यह हमारी आंतों की शक्ति को बढ़ाता हैं।
4. चीकू में बेटा-क्राइटॉक्सथीन होता हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम रहता हैं।
5. चीकू खाने से हमारी हड्डियां मजबूत हो जाती हैं, क्योंकि इसमें कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
6. चीकू का नियमित रूप से सेवन करने से पेशाब जलन की समस्या दूर हो जाती हैं।
7. चीकू खाने से हमारा दिमाग शांत रहता है और तनाव भी नहीं होता हैं।
8. चीकू हमारे ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता हैं।
9. अगर भोजन 1 घंटा के बाद चीकू खाया जाए तो इसका फायदा दोगुना हो जाता हैं, इसलिए चीकू का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
10. चीकू में मौजूद विटामिन ए और विटामिन बी से त्वचा की सुरक्षा होती हैं, और रंग निखरता हैं।
11. गर्भवती महिला के लिए चीकू बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसे खाने से शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती हैं।
12. चीकू में एंटी वायरल व एंटीबैक्टीरिया प्राॅपर्टीज होती हैं, जिनके कारण किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हमारे शरीर पर असर नहीं करता हैं।
13. चीकू को पानी में उबालकर खाने से क्या उस पानी को पीने से बवासीर रोग दूर हो जाता हैं।
14. चीकू खाने से सर्दी जुखाम और कफ की परेशानी से छुटकारा मिल जाता हैं, इसलिए सर्दी में चीकू का सेवन जरूर करें।
15. चीकू के सेवन से हम नींद मैं आने वाली बीमारी से भी बच सकते हैं।
16. इसको खाने से हमारे दांतों में कैबिटी नहीं होती हैं।
17. चीकू में मौजूद पोटासियम, आयरन, फोलेट हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।
18. चीकू वजन घटाने में बहुत लाभ दायक होता है। यह गैस्ट्रिक एंजाइमों को खत्म करके पाचन तंत्र को मजबूत कर मोटापे से बचाता हैं।
19. चीकू में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने में सहायक हैं, यह चेहरे पर झुर्रियों को भी कम कर देता हैं।

Sunday, 12 June 2016

लाभकारी प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली

Old Dohe Relating To Health

पानी में गुड डालिए,
बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए,
अच्छे हों हालात!!

धनिया की पत्ती मसल,
बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों,
पल लागे दो-चार!!

ऊर्जा मिलती है बहुत,
पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की,
मिट जाए हर पीर!!

प्रातः काल पानी पिएं,
घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है,
हर औषधि का बाप!!

ठंडा पानी पियो मत,
करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा,
ये तो बंटाढार!!

भोजन करें धरती पर,
अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए,
वैद्य न झांकें द्वार!!

प्रातः काल फल रस लो,
दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी,
सभी रोग का नाश!!

दही उडद की दाल सँग,
पपीता दूध के संग!
जो खाएं इक साथ में,
जीवन हो बदरंग!!

प्रातः- दोपहर लीजिये,
जब नियमित आहार!
तीस मिनट की नींद लो,
रोग न आवें द्वार!!

भोजन करके रात में,
घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का ,
लुट जाए व्यापार !!

देश,भेष,मौसम यथा,
हो जैसा परिवेश!
वैसा भोजन कीजिये,
कहते सखा सुरेश!!

इन बातों को मान कर,
जो करता उत्कर्ष!
जीवन में पग-पग मिले,
उस प्राणी को हर्ष!!

घूट-घूट पानी पियो,
रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा,
होवें चकनाचूर!!

अर्थराइज या हार्निया,
अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर,
कभी न आवें पास!!

रक्तचाप बढने लगे,
तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के,
तुरत छोड दो चाय!!

सुबह खाइये कुवंर-सा,
दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में,
जैसे रंक सुरेश!!

देर रात तक जागना,
रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग,
तन भी रहे निढाल!!

टूथपेस्ट-ब्रश छोडकर,
हर दिन दोनो जून!
दांत करें मजबूत यदि,
करिएगा दातून!!

हल्दी तुरत लगाइए,
अगर काट ले श्वान!
खतम करे ये जहर को,
कह गए कवि सुजान!!

मिश्री, गुड, खांड,
ये हैं गुण की खान!
पर सफेद शक्कर सखा,
समझो जहर समान!!

चुंबक का उपयोग कर,
ये है दवा सटीक!
हड्डी टूटी हो अगर,
अल्प समय में ठीक!!

दर्द, घाव, फोडा, चुभन,
सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ,
पिरवा जाइ हेराइ!!

हँसना, रोना, छींकना,
भूख, प्यास या प्यार!
क्रोध, जम्हाई रोकना,
समझो बंटाढार!!

सत्तर रोगों कोे करे,
चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन,
सुस्ती अपच हुजूर!!

यदि सरसों के तेल में,
पग नाखून डुबाय!
खुजली, लाली, जलन सब,
नैनों से गुमि जाय!!

भोजन करके जोहिए,
केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी,
ये औषधि का पेड!!

जो भोजन के साथ ही,
पीता रहता नीर!
रोग एक सौ तीन हों,
फुट जाए तकदीर!!

पानी करके गुनगुना,
मेथी देव भिगाय!
सुबह चबाकर नीर पी,
रक्तचाप सुधराय!!

अलसी, तिल, नारियल,
घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो,
हार्ट समझिए फेल!!

पहला स्थान सेंधा नमक,
पहाड़ी नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी,
ये है जहर समान!!

तेल वनस्पति खाइके,
चर्बी लियो बढाइ!
घेरा कोलेस्टरॉल तो,
आज रहे चिल्लाइ!!

अल्यूमिन के पात्र का,
करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा ,
वह अडतालीस रोग!!

फल या मीठा खाइके,
तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में,
बनते विषधर तीर!!

चोकर खाने से सदा,
बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए,
दिल में बढे विरक्ति!!

नींबू पानी का सदा,
करता जो उपयोग!
पास नहीं आते कभी,
यकृति-आंत के रोग!!

दूषित पानी जो पिए,
बिगडे उसका पेट!
ऐसे जल को समझिए,
सौ रोगों का गेट!!

रोज मुलहठी चूसिए,
कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी,
सबको लगत सुहाय!!

भोजन करके खाइए,
सौंफ,  गुड, अजवान!
पत्थर भी पच जायगा,
जानै सकल जहान!!

लौकी का रस पीजिए,
चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक,
हृदय रोग निदान!!

हृदय रोग, खांसी और
आंव करें बदनाम!
दो अनार खाएं सदा,
बनते बिगडे काम!!

चैत्र माह में नीम की,
पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया,
बारह मील भगावे !!

सौ वर्षों तक वह जिए,
लेत नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें,
मुंह से श्वासोच्छ्वास!!

सितम, गर्म जल से कभी,
करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल,
नैनन को नुकसान!!

हृदय रोग से आपको,
बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक,
का मत करिए पान!!

अगर नहावें गरम जल,
तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो,
शक्ति घटे चहुंओर!!

तुलसी का पत्ता करें,
यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में,
तन के सारे रोग!!