अब फ़क़त शोर मचाने से नहीं कुछ होगा।
सिर्फ होठों को हिलाने से नहीं कुछ होगा।
ज़िन्दगी के लिए बेमौत ही मरते क्यों हो।
अहले इमां हो तो शैतान से डरते क्यों हो।
सारे ग़म सारे गिले शिकवे भुला के उठो।
दुश्मनी जो भी है आपस में भुला के उठो।
अब अगर एक न हो पाए तो मिट जाओगे।
ख़ुश्क पत्त्तों की तरह तुम भी बिखर जाओगे।
खुद को पहचानो की तुम लोग वफ़ा वाले हो।
मुस्तफ़ा वाले हो मोमिन हो खुदा वाले हो।
कुफ्र दम तोड़ दे टूटी हुई शमशीर के साथ।
तुम निकल आओ अगर नारे तकबीर के साथ।
अपने इस्लाम की तारीख उलट कर देखो।
अपना गुज़रा हुआ हर दौर पलट कर देखो।
तुम पहाड़ों का जिगर चाक किया करते थे।
तुम तो दरयाओं का रूख मोड़ दिया करते थे।
तुमने खैबर को उखाड़ा था तुम्हे याद नहीं।
तुमने बातिल को पिछाड़ा था तुम्हे याद नहीं।
फिरते रहते थे शबो रोज़ बियाबानो में।
ज़िन्दगी काट दिया करते थे मैदानों में।
रह के महलों में हर आयते हक़ भूल गए।
ऐशो इशरत में पयंबर का सबक़ भूल गए।
ठन्डे कमरे हंसी महलों से निकल कर आओ।
फिर से तपते हु सहराओं में चल कर आओ।
लेके इस्लाम के लश्कर की हर एक खुबी उठो।
अपने सीने में लिए जज़्बाए ज़ुमी उठो।
राहे हक़ में बढ़ो सामान सफ़र का बांधो।
ताज़ ठोकर पे रखो सर पे अमामा बांधो।
तुम जो चाहो तो जमाने को हिला सकते हो।
फ़तह की एक नयी तारीख बना सकते हो।
खुद को पहचानों तो सब अब भी संवर सकता है।
दुश्मने दीं का शीराज़ा बिखर सकता है।
हक़ परस्तों के फ़साने में कहीं मात नहीं।
तुमसे टकराए "मुनव्वर" इनकी ये औक़ात नहीं।
great
ReplyDeleteReally Munawwar sb but not in you tube
ReplyDeleteMasha Allah Munawwar sahab bht khoob bat farmaye h aapne
ReplyDeleteAllah aoki madad farmaye or khatma e imaan ata farmaye ameen.
Sirf bahot khoob kehne se nahin kuch hoga kuch karo bhi jawanon
ReplyDeleteBahut khub bhai....Aap ke in lines pe meni youtube pr eak video Bana de hai...ye video ke link hai.. https://youtu.be/GUcb4QumHcs
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