Thursday 10 January 2019

Moral Story Of A Genius Man and His Camels

एक गाँव में एक बुद्धिमान व्यक्ति रहता था।
उसके पास 19 ऊंट थे। एक दिन उसकी मृत्यु हो गयी। मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि:
मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को, उसका एक चौथाई मेरी बेटी को, और उसका पांचवाँ हिस्सा मेरे नौकर को दे दिए जाएँ।
सब लोग चक्कर में पड़ गए कि ये बँटवारा कैसे हो ?
19 ऊंटों का आधा अर्थात एक ऊँट काटना पड़ेगा, फिर तो ऊँट ही मर जायेगा। चलो एक को काट दिया तो बचे 18 उनका एक चौथाई साढ़े चार- साढ़े चार फिर??
सब बड़ी उलझन में थे। फिर पड़ोस के गांव से एक व्यक्ति को बुलाया गया  जो
वितिय सलहकार है,
वह  वितिय सलहकार अपने ऊँट पर चढ़ कर आया, समस्या सुनी, थोडा दिमाग लगाया, फिर बोला इन 19 ऊंटों में मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो।

सबने पहले तो सोचा कि एक वो पागल था, जो ऐसी वसीयत कर के चला गया, और अब ये दूसरा पागल आ गया जो बोलता है कि उनमें मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो। फिर भी सब ने सोचा बात मान लेने में क्या हर्ज है।
19+1=20 हुए।
20 का आधा 10 बेटे को दे दिए।
20 का चौथाई 5 बेटी को दे दिए।
20 का पांचवाँ हिस्सा 4 नौकर को दे दिए।
10+5+4=19 बच गया एक ऊँट जो  उस सलाहकार का था वो उसे लेकर अपने गॉंव लौट गया।
सो सारा जीवन मनुष्य इन्हीं परेशनीयो में उलझा रहता है और जब तक उसमें किसी  सही वितिय सलाहकार रूपी ऊँट को नहीं मिलाया जाता , यानी के   सही  मार्गदर्शन के  बिना नहीं जिया जा सकता, तब तक सुख, शांति, संतोष व आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती।सो  आप  भी , जो सही सलाह   देने  वाला हो   उसको अपने जीवन में   अपने साथ ज़रूर रखे ।
सच्चा रिश्ता एक अच्छी पुस्तक जैसा होता है, कितनी भी पुरानी हो जाए, फिर भी शब्द नहीं बदलते।
विकल्प बहुत मिलेंगे मार्ग भटकाने के  लिए,
            लेकिन,
संकल्प एक ही काफ़ी है,

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