रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था, नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल
रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दूसरे से दिल की बात कर रही थीं।
रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दूसरे से दिल की बात कर रही थीं।
>पहली मोमबत्ती बोली.... "मैं शांति हूँ", पर मुझे लगता है कि अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है, हर तरफ
आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती....।”
आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती....।”
और ऐसा कहते हुए,
कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ गयी।
>दूसरी मोमबत्ती बोली.... "मैं विश्वास हूँ, और मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत
नहीं है, मैं भी यहाँ से जा रही हूँ ....”, और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।
नहीं है, मैं भी यहाँ से जा रही हूँ ....”, और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।
>तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली.... "मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के पास वक्त ही नहीं, दूसरों से तो दूर, लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं, मैं ये सब और नहीं सह सकती मैं भी इस दुनिया से जा रही हूँ....” और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।
वो अभी बुझी ही थी कि एक मासूम बच्चा उस कमरे में दाखिल हुआ। मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया, उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह रुंआसा होते हुए बोला....
“अरे, तुम मोमबत्तियां जल क्यों नहीं रही, तुम्हे तो अंत तक जलना है! तुम इस तरह बीच में हमें कैसे छोड़ के जा सकती हो ?”
तभी....
>चौथी मोमबत्ती बोली....
"प्यारे बच्चे घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल रही हूँ हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से जला सकते हैं।"
यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं, और उसने आशा के बल पे शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से प्रकाशित कर दिया।
"प्यारे बच्चे घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल रही हूँ हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से जला सकते हैं।"
यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं, और उसने आशा के बल पे शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से प्रकाशित कर दिया।
जब सब कुछ बुरा होते दिखे, चारों तरफ अन्धकार ही अन्धकार नज़र आये, अपने भी पराये लगने लगें तो भी उम्मीद मत छोड़िये.... आशा मत छोड़िये, क्योंकि इसमें इतनी शक्ति है कि ये हर खोई हुई चीज आपको वापस दिला सकती है।
अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाये रखिये, बस अगर ये जलती रहेगी तो आप किसी भी और मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।
अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाये रखिये, बस अगर ये जलती रहेगी तो आप किसी भी और मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।
उजाले के इस त्योहार पर आपको यही पंक्तियां भेंट कर के एक छोटी सी कोशिश कर रहा हूं ताकि आपकी जिंदगी में इन चारों मोमबत्तीयों की रौशनी हमेशा फैली रहे।
-_शुभ दिपावली_-
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