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Tuesday, 15 December 2015

Dara Singh Vs King Kong Historical Wrestling / दारा सिंह और किंग कोंग की ऐतिहासिक कुश्ती

     बात 1962 की है, जब Dara Singh के कदम रांची की सरजमीं पर पड़े थे। सिडनी के King Kong ने दारा सिंह को कुश्ती लडऩे की चुनौती दी थी। हिन्दुतान के दारा सिंह height 6' 2" weight 130 kg ने उस 208 किलो के किंग कोंग height 6' 4" की चुनौती को स्वीकार कर लिया था.... अब्दुर बारी पार्क में कुश्ती होना तय हुआ और ये कुश्ती होने से पहले ही सनसनी छा गयी।

Dara Singh And King Kong
Dara Singh And King Kong
     नवंबर 1962 में दुनियाभर के पहलवान रांची में जुटे थे। उस वक्त सिटी में दारा सिंह की जिन-जिन पहलवानों के साथ कुश्ती हुई, सबमें उन्हें जीत मिली थी। पर, तब स्पेक्टेटर्स को उस पल का बेसब्री से इंतजार था, जब दारा सिंह और किंग कांग की भिड़ंत होती। थोड़े इंतजार के बाद दारा सिंह और किंग कांग अखाड़े पर उतरे। मुकाबले में 200 केजी के किंग कांग के सामने दारा सिंह तो बच्चे लग रहे थे, पर उनका आत्मविश्वास किंग कांग पर भारी पड़ा।

Saturday, 12 December 2015

Ghaziabad DM Vimal Kumar And SSP Dharmendra Singh Shows Their Love For Motherland By Simplicity

देश की मिटटी से सच्चा प्रेम करने वाले उच्च अधिकारीयों ने की सादगी की मिसाल कायम-  

गाजियाबाद के डी एम विमल कुमार और एस एस पी धर्मेन्द्र सिंह की सादगी
Ghaziabad DM Vimal Kumar And SSP Dharmendra Singh's Simplicity

     आलीशान जिदंगी जीने वाले अधिकारियों के लिए गाजियाबाद के डी एम विमल कुमार और एस एस पी धर्मेन्द्र सिंह बने मिसाल बन गये है। एक तरफ जहां आई एस, आई पी एस राजाओं वाली जिदंगी जीते है। वही गाजियाबाद मे तैनात शीर्ष अधिकारियों का एक अलग ही व्यवहार देखने को मिला। दरअसल गाजियाबाद में प्रधान चुनावों के मद्देनजर यहा के डी एम, विमल कुमार एस एस पी धर्मेन्द्र सिंह गावों के दौरे पर निकले और यहाँ की तैयारियों और कानून व्यवस्था का जायजा ले रहे थे। खाने का समय हो रहा था। लिहाजा दोनो अधिकारियों ने बिना शरम के जमीन पर खेतों के बीच चादर बिछाई और खाना खाने लगे। वही डी एम गाजियाबाद एक कदम आगे निकल गए। और वो चादर के बिना ऐसे ही जमीन पर बैठ गए। जिससे वहाँ मौजूद अन्य अधिकारी और गावँ के लोग गदगद हो गये। और दोनों अधिकारियों के सादे व्यवहार की तारीफ की। ये हकीकत भी है। जहाँ शीर्ष नौकरी पर तैनात अधिकारी धूल से भी परहेज करते है। वहा इन अधिकारियों का व्यवहार कमाल का है।