Monday 14 January 2019

Dr Nasir Amrohvi Love Shayari With Dialogue In Hindi

डॉ० नासिर अमरोहवी
Dr. Nasir Amrohvi
मैं तुझ को कॉल करता हूँ तो तू मसरूफ़ होती है
सो फिर मैसेज ये आता है
कहो!क्या बात करनी थी?
अरे पगली!
मुझे जो बात करनी थी
अगर वो बात मेसेज में ही लिख कर भेजनी होती
तो फिर मैं कॉल क्यूं करता
तुझे मैं कॉल करता हूँ तो कोई वजह तो होगी
वजह क्या है?
वजह ये है!
लगा है कानों को मेरे तिरी आवाज़ का चस्का
तिरा वो दिल नशीं लहजा मुझे मदहोश करता है
सो तुझ को कॉल करता हूँ
तिरी आवाज़ उतरती है मिरे कानों के रस्ते से
दिल ए नाज़ुक की गहराई में और फिर यूँ भी होता है
के वो आवाज़ मेरी रूह को तिसकीन देती है
सो तुझ को कॉल करता हूँ
ख़ुदा वो दिन भी दिखलाए
के तू नम्बर लगाए अर
मिरा नम्बर न लग पाए
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डॉ० नासिर अमरोहवी / Dr. Nasir Amrohvi

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