👌🏼Nice line👌🏼
*"कद्र"* करनी है तो *"जीते जी"* करें
*"मरने"* के बाद तो *"पराए"* भी रो देते हैं
आज *"जिस्म"* मे *"जान"* है तो
देखते नही हैं *"लोग"*
जब *"रूह"* निकल जाएगी तो
*"कफन"* हटा हटा कर देखेंगे
*किसी ने क्या खूब लिखा है*
*"वक़्त"* निकालकर
*"बाते"* कर लिया करो *"अपनों से"*
अगर *"अपने ही"* न रहेंगे
तो *"वक़्त"* का क्या करोगे
*"गुरुर"* किस बात का.... *"साहब"*
आज *"मिट्टी"* के ऊपर
तो कल "मीट्टीकै नीचे.
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