पादना बुरी बात नही है भाई !!
आज मै "पाद" विषय पर बात कर रहा हूं, जिसका नाम लेना भी असभ्यता समझी जाती है, लेकिन पाद क्या अपनी मर्जी से आता है, वो तो खुद ही कभी भी, कहीं भी आ सकता है! अगर प्रधानमंत्री को भी भरी सभा मे पाद आ जाये तो वे पादेंगे नही क्या..?? इसलिये पाद पर किसी तरह का नियंत्रण संभव ही नही है!
यदि आपका डाक्टरी चेकअप हुआ होगा तो डाक्टर ने आपसे यह सवाल भी अवश्य किया होगा कि पाद ठीक से आता है? क्योंकि डाक्टर जानता है कि पाद चेक करने की अभी तक कोई अल्ट्रासाउंड या MRI जैसी मशीन नही बनी!
ये तमाम चूरन- चटनी, हाजमोला जैसी गोलियों का करोड़ों रुपये का कारोबार केवल इसी बिन्दु पर तो निर्भर है कि जनता ठीक से पादती रहे!
यदि आपको दिन में 4 बार और रात को लगभग 10 बार अलग अलग तरह के पाद नही आते तो आपका सजना, संवरना सब बेकार है, क्योंकि अन्दर से आपका सिस्टम बिगड़ा हुआ है, यदि लीवर ही ठीक से काम नही कर रहा तो अन्य अंगो को पोषण कहां से मिलेगा!
इसलिये पादने मे संकोच न करें और खूब पादें! क्योंकि पादना बुरी बात नही है भाई!
🚶💨पाद पांच प्रकार के होते हैं-
1- 'भो पाद' (पादों का राजा)
यह घोषणात्मक और मर्दानगी भरा होता है ! इसमे आवाज मे धमक ज्यादा और बदबू कम होती है, जितनी जोर आवाज, उतनी कम बदबू !
2- 'शहनाई' -
हमारे पूर्वजो ने इसे मध्यमा भी कहा है ! इसमे से आवाज निकलती है ठें ठें या कहें पूंऊऊऊउऊ..!
3- 'खुरचनी' -
इसकी आवाज पुराने कागज के सरसराहट जैसी होती है! यह एक बार मे नही निकलता है, बल्कि एक के बाद एक कई 'पिर्र..पिर्र..पिर्र..पिर्र' की आवाज के साथ आता है !
4- 'तबला' -
तबला पाद एक फट की आवाज के साथ आता है ! यह अपने मालिक की इजाजत के बगैर ही निकल जाता है और अगर हम लोगों के बीच बैठे हों तो हास्य के पात्र बन जाते हैं !
5- 'फुस्की' -
यह एक निःशब्द 'बदबू बम' है ! चूंकि इसमें आवाज नही होती है इसलिए ये पास बैठे व्यक्ति को बदबू का गुप्त दान देता है और दाता अपनी नाक को बंद कर के नही पादने का दिखावा करता है, लेकिन आप कुछ ना बोलें केवल जापानी कहावत "जो बोला, सो पादा " याद रखें, इससे दाता स्वयं ही पकड़ मे आ जायेगा !
अब अपने पाद की श्रेणी निर्धारित करते हुए पाद का आनन्द उठाइये तथा जम कर, बेझिझक और खुलकर पादिये....
नोट— इस मैसेज को केवल व्यंग्य के तौर पर या अन्यथा न लें, क्योंकि पादने से आपके शरीर मे होने वाली कई क्रियाओं का सम्बंध है, और उम्मीद है कि इस पोस्ट से पादने वालों (जो कि आप स्वयं भी हो सकते हैं) के प्रति आपका दृष्टिकोण बदलेगा..!!
😄💭💭💨🙊🙊😝😛
हँसी रोक पाओ तो बोलना
बहु बरामदे में बैठे ससुर के पास खाली चाय का कप लेने गई....तो कप लेने के लिए जैसे ही झुकी तो पाद निकल गया ।
बहु शर्म के मारे बिना कप उठाये वापस जाने लगी,
ससुर ने आवाज लगाई- "बहु यहाँ कुछ काम था कि सिर्फ पादने आई थी..??"
😆😆😆😄😄😄😄😄
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