Tuesday, 15 November 2016

Communication Between 100₹ Note And 1000₹ Note

बटुए में दो नोट थे
एक सौ का तो दूसरा हज़ार का।
गत रात दोनों में गुफ्तगू हो रही थी।
सौ के नोट ने पूछा, "दादा, अब क्या होगा?"
जवाब आया, "होना क्या है,
कल हम दोनों निकाले जाएंगे,
तुम बाज़ार घूमोगे, मैं बैंक जाऊंगा।
तुम लौट पाओगे, मैं न लौट पाऊंगा।
कल से वाकई दुनिया अलग होगी,
सफ़ेद लोग मुझे शान से निकालेंगे
और बैंक पहुँचाएंगे
काले अमीरों के बक्से भी निकलेंगे,
पर सीधे जलाए जाएंगे।
तुम्हारी किस्मत अच्छी थी,
तुम काले लोगों से दूर रहे।
मेरा वज़न थोड़ा ज़्यादा था,
अत: छिपाए गए, मजबूर रहे।
एक अफसोस है कि,
आज तक बहुत गर्मी थी मुझमें
अचानक बेजान हो रहा हूँ।
मगर गर्व है कि,
राष्ट्र हित में मैं कुर्बान हो रहा हूँ।
आज इस बटुए में अकेला था,
इसलिए इतना कह पाया।
वरना, काले बक्सों में
भीड़ भी होती थी और खामोश भी रहते थे।
चलो अच्छा है, बहुत घुटन हो रही थी अंधेरे में,
कल जगह-जगह से आज़ाद किया जाऊँगा।
बैंक के हो या हो आग के हवाले,
स्वच्छ भारत की क्रांति में, मैं भी याद किया
जाऊँगा।
🌸🍇🌺🌼🌷

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