रजाई के लिये सर्दी के मौसम मे एक स्टूडैन्ट हॉस्टल से अपने पापा को खत लिखता है ।
लेकिन उसके कुछ शरारती दोस्त रजाई की जगह लुगाई लिख देते है।
और
जब पापा खत पडते है तो....
आदरणीय पापाज !
चरण स्पर्श,
मैं यहां ठीक हूँ और आशा करता हू कि आप लोग सब अच्छे से होगे।
आगे समाचार यह है कि मेरी लुगाई 🙎पुरानी और बेकार हो गई है ।
और यहॉ सर्दी अधिक पड रही है ।
अभी दोस्तो की लुगाइयों से काम चल रहा था लेकिन सर्दी अधिक पडने से वे भी अपनी लुगाई देने मे आना कानी करते है ।
मेरे लिये एक लुगाई का इंतजाम कर दो ।
नई ना ला सको तो बडे भैया की लुगाई भेज दो ।
बडे भैया की ना मिले तो मझले भैया की लुगाई भेज दो ।
सर्दी मे बुरा हाल है ।
दो भाईयों मे से किसी एक की लुगाई जरूर भेज दो।
दोनों मे से किसी की भी न भेज सको तो पैसे भेज दो मैं यहॉ किराये कि लुगाई ले लूंगा ।
आपका पुत्र
के. पी.
उसका बाप और भाई घर से डंडे लेकर निकले हैं।
सोच सकते हैं क्या हाल होने वाला है उसका।
😜😁
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