Thursday, 13 October 2016

Letter Of Son To Father For Quilt

रजाई के लिये सर्दी के मौसम मे एक स्टूडैन्ट हॉस्टल से अपने पापा को खत लिखता है ।

लेकिन उसके कुछ शरारती दोस्त रजाई की जगह लुगाई लिख देते है।

और
जब पापा खत पडते है तो....

आदरणीय पापाज !

चरण स्पर्श,
मैं यहां ठीक हूँ और आशा करता हू कि आप लोग सब अच्छे से होगे।

आगे समाचार यह है कि मेरी लुगाई 🙎पुरानी और बेकार हो गई है ।

और यहॉ सर्दी अधिक पड रही है ।

अभी दोस्तो की लुगाइयों से काम चल रहा था लेकिन सर्दी अधिक पडने से वे भी अपनी लुगाई देने मे आना कानी करते है ।

मेरे लिये एक लुगाई का इंतजाम कर दो ।

नई ना ला सको तो बडे भैया की लुगाई भेज दो ।

बडे भैया की ना मिले तो मझले भैया की लुगाई भेज दो ।

सर्दी मे बुरा हाल है ।

दो भाईयों मे से किसी एक की लुगाई जरूर भेज दो।

दोनों मे से किसी की भी न भेज सको तो पैसे भेज दो मैं यहॉ किराये कि लुगाई ले लूंगा ।

आपका पुत्र 
के. पी.

उसका बाप और भाई घर से डंडे लेकर निकले हैं।
सोच सकते हैं क्या हाल होने वाला है उसका।
😜😁

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