Saturday 2 July 2016

Preparation Of Last Journey - Inspirational Short Hindi Story

अंतिम सफर की तैयारी -
एक राज्य का क़ानून था कि वो एक साल बाद अपना राजा बदल लेते थे।
उस दिन जो भी सब से पहले शहर में आता था तो उसे राजा घोषित कर लेते थे,
और इससे पहले वाले राजा को एक बहुत ही ख़तरनाक और मीलों मॆं फैले जंगल के बीचों बीच छोड़कर आते जहां बेचारा अगर खूंखार जानवरो से किसी तरह अपने आप को बचा लेता तो भूख- प्यास से मर जाता ।
ना जाने कितने ही राजा ऐसे ही एक साल की राजगद्दी के बाद जंगल में जा कर मर गए ।
एक बार राज्य में एक नौजवान किसी दूसरे राज्य से आया और इस राज्य के कानून से अनजान था, तब सब लोगों ने आगे बढ़कर उसे बधाईयाँ दी और उसे बताया कि उसको इस राज्य का राजा चुन लिया गया है और उसे बड़े मान-शान के साथ राजमहल में ले गए ।
वो हैरान भी हुआ और बहुत ख़ुश भी । राजगद्दी पर बैठते ही उसने पूछा कि मुझ से पहले जो राजा था, वो कहाँ है? तो दरबारियों ने उसे इस राज्य का क़ानून बताया कि हर राजा को एक साल बाद जंगल में छोड़ दिया जाता है और नया राजा चुन लिया जाता है ।
ये बात सुनते ही वो एक बार तो परेशान हुआ लेकिन फिर उसने अपनी दिमाग का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मुझे उस जगह लेकर चलो जहाँ तुम अपने पहले के राजाओ को छोड़कर आते हो।
दरबारियों ने सिपाहियों को साथ लिया और नये नियुक्त राजा को वो जगह दिखाने जंगल में ले गए, राजा ने अच्छी तरह उस जगह को देख लिया और वापस आ गया....
अगले दिन उसने सबसे पहला आदेश ये दिया कि मेरे राजमहल से जंगल तक एक सड़क बनाई जाये और जंगल के बीचों बीच एक ख़ूबसूरत राजमहल बनाया जाये जहां पर हर तरह की सुविधा मौजूद हों और राजमहल के बाहर ख़ूबसूरत बाग़ बनाया जाएं।
राजा के आदेश का पालन किया गया, जंगल मे सड़क और राजमहल बनकर तैयार हो गया। एक साल के पूरे होते ही राजा ने दरबारियों से कहा कि आप अपने कानून का पालन करो और मुझे वहां छोड़ आओ जहां मुझ से पहले राजाओ को छोड़ के आते थे।
दरबारियों ने कहा कि महाराज आज से ये कानून ख़त्म हो गया क्योंकि हमें एक अक़लमंद राजा मिल गया है ,
वहाँ तो हम उन बेवक़ूफ राजाओ को छोड़कर आते थे जो एक साल की राजशाही के मज़े में बाक़ी की ज़िंदगी को भूल जाते और अपने लिए कोई बंदोबस्त ना करते थे,
लेकिन आप ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और आगे का बंदोबस्त कर लिया। हमें ऐसे ही होशियार राजा की ज़रूरत थी अब आप आराम से सारी ज़िंदगी हमारे राज्य पर राज करें ।
अब हम लोग भी यह सोचें कि कुछ दिन बाद हमें भी ये दुनिया वाले एक दिन ऐसी जगह छोड़कर आयेंगे....
जहां से कोई वापस नहीं आता तो क्यो ना हम भी वक्त रहते हुए नेक कर्म और ईश्वर की बदंगी करके अपने अगले सफर की तैयारी कर लें....
या बेवक़ूफ़ बन कर कुछ दिनों की ज़िंदगी के मज़ों में लगे रहें । और ये जन्म बर्बाद कर लें....

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