जब तक आप
अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह
दूसरों को मानते है,
तब तक आप
अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते।
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दौस्तो, आओ....
चलो!
थोड़ी मुस्कुराहटे बाँटते हैं....!
थोड़ा
दुख तकलीफों को डाँटते हैं....!
क्या पता
ये साँसे चोर कब तक हैं....?
क्या पता
‘जिन्दगी की चरखी’ में डोर
कब तक है....?
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