Wednesday, 18 November 2015

Poem About Girls Who Left Home For Lover

     जो लडकियाँ लव के चककर में पड़कर अपने माँ-बाप को छोड़कर  घर से भाग जाती हैं,  मैं उन लड़कियों के लिए कुछ कहना चाहुंगा-

Loving Couple
बाबुल की बगिया में जब तू ,
बनके कली खिली,
तुमको क्या मालूम कि,
उनको कितनी खुशी मिली....

उस बाबुल को मार के ठोकर,
घर से भाग जाती हो,
जिसका प्यारा हाथ पकड़ कर,
तुम पहली बार चली....

तूने निष्ठुर बन भाई की,
राखी को कैसे भुलाया,
घर से भागते वक़्त माँ का
आँचल याद न आया....

तेरे ग़म में बाप हलक से,
कौर निगल ना पाया,
अपने स्वार्थ के खातिर,
तूने घर में मातम फैलाया....

..वो प्रेमी भी क्या प्रेमी,
जो तुम्हें भागने को उकसाये,
वो दोस्त भी क्या दोस्त,
जो तेरे यौवन पे ललचाये....

ऐसे तन के लोभी तुझको,
कभी भी सुख ना देंगे,
उलटे तुझसे ही तेरा,
सुख चैन सभी हर लेंगे....

सुख देने वालों को यदि,
तुम दुःख दे जाओगी,
तो तुम भी अपने जीवन में,
सुख कहाँ से पाओगी....

अगर माँ बाप को अपने,
तुम ठुकरा कर जाओगी,
तो जीवन के हर मोड पर,
ठोकर ही खाओगी....

जो - जो भी गई भागकर,
ठोकर खाती है,
अपनी गलती पर,
रो-रोकर अश्क बहाती है....

एक ही किचन में,
मुर्गी के संग साग पकाती है,
हुईं भयानक भूल,
सोचकर अब पछताती है....

जिंदगी में हर पल तू,
रहना सदा ही जिन्दा,
तेरे कारण माँ बाप को,
ना होना पड़े शर्मिन्दा....

यदि भाग गई घर से तो,
वे जीते जी मर जाएंगे,
तू उनकी बेटी है यह,
सोच-सोच पछताए....

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