एक सिनेमा घर में कोई किशोर किशोरी लगभग आधा समय आपस में ही बातें करते रहे।
उनके पास बैठे दर्शकों को यह बहुत बुरा लग रहा था। जब एक दर्शक से रहा ना गया तो बोल उठा, "क्या तोते की तरह टांय-टांय लगा रखी है, कभी चुप ही नहीं होते।"
इस पर किशोर ने बिगड़कर कहा, "क्या आप हमारे बारे में कह रहे हैं?"
उत्तर मिला: जी नहीं, फ़िल्म वालों को कह रहा हूँ। शुरू से ही बकवास करे जा रहे हैं। आपकी बातों का एक भी शब्द सुनने नहीं दिया।'
उनके पास बैठे दर्शकों को यह बहुत बुरा लग रहा था। जब एक दर्शक से रहा ना गया तो बोल उठा, "क्या तोते की तरह टांय-टांय लगा रखी है, कभी चुप ही नहीं होते।"
इस पर किशोर ने बिगड़कर कहा, "क्या आप हमारे बारे में कह रहे हैं?"
उत्तर मिला: जी नहीं, फ़िल्म वालों को कह रहा हूँ। शुरू से ही बकवास करे जा रहे हैं। आपकी बातों का एक भी शब्द सुनने नहीं दिया।'
No comments:
Post a Comment