Tuesday, 16 January 2018

Reality Of Hajj Subsidy Provided By Indian Government In Hindi

"हज सब्सिडी मात्र एक छलावा था"
ख़त्म हुआ हम स्वागत करते हैं।

आम लोगों को तो जानकारी है कि सरकार हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों जो की हज कमेटी द्वारा यात्रा पर जाते हैं, इस यात्रा पर सब्सिडी देती है पर यह इस पवित्र यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के साथ एक सोचा समझा छलावा और धोखे से कम नहीं है। अपनी छिछोरी राजनीति एवं मुस्लमानों के साथ दुष्प्रचार के सिवा कुछ नही। हमारे ग़ैर मुस्लिम भाई भी अक्सर हज सब्सिडी को लेकर पसोपेश में रहते हैं, और कुछ लोग इसे नफ़रत से भी देखते है और सोचते है कि हज सब्सिडी की आड़ मैं सरकार मुसलमानों पर ईतनी महरबान क्यों है ?
परंतु सच कुछ और ही है, दरअसल इसमें सरकार का अपना फ़ायदा छिपा हुआ है और इसकी आड़ मे इंडीयन एयरलाइन्स को पाला पोसा जाता है,

"हज सब्सिडी क्या है, पहले इसे समझें"
हाजियो को हज करने सऊदी अरब जाना होता है हज को जाने वाले हज़रात को हज कमेटी ऑफ़ इंडिया तीन कैटेग्री में से कोई एक को अपनी मर्ज़ी से चुनने का मौक़ा देती है, और ये कैटेग्री है "ग्रीन, अज़ीज़िया और व्हाईट,
हर कैटेग्री के चार्जेज़ अलग अलग हैं,,जो हाजियों को  सउदिया में हज के दौरान मुहय्या करवाई जाती हैं, उन तीनों कैटेगिरी की सुहूलियते भी चार्ज के मुताबिक़ अलग अलग हैं। लेकिन हवाई जहाज़ का किराया सब के लिये एक समान है जो तक़रीबन 57 हज़ार रूपये है, और सबसे अहम बात ये है की इतने ही किराए में कोई भी मुसाफिर ऑफ़ सीज़न मे लन्दन तक भी जा सकता है, जबकि वहाँ की दूरी सउदिया के मुकाबले कई गुना ज़्यादा है,
भारत सरकार हाजियों को ले जाने के लिए सिर्फ  इंडियन एयरलाइन को ही जिम्मेदारी देती है जबकि हमारी सोच है हज के लिये ओपन टेनडर होना चाहिये बल्कि सरकार को इसके लिए ग्लोबल टेंडर के ज़रिये  एयर लाइन्स कंपनियों को इन्वाइट करना चाहिए, कोई भी प्राइवेट एयर बस सर्विस इस दूरी के लिए सिर्फ 18000/- से 20000/- में तय्यार हो सकती है और बल्की ईकट्ठा इतने मुसाफ़िरों के लिए एयर बस सर्विसेस और भी कम 12000/- से 15000/- तक किराया लेने के लिए तय्यार हो सकती है, मगर  सरकार ऐसा नहीं चाहती ..क्यूंकि उसका मकसद छिपे तौर पर  Air India को ही फ़ायदा पहुँचाना है , एयर इंडिया की हालत लगातार ख़राब होती जा रही है, और आम दिनों में उसकी एयर बसों में पचास परसेन्ट से ज़्यादा सीटें खाली रहती हैं,,,,
सरकार हज सब्सिडी की आड़ में एयर इंडिया को जबरन 57000/- रूपये फी ( एक हाजी के ) भर रही है जिसमें हाजियों से पन्द्रह हज़ार के क़रीब लिए जाते हैं और बक़ाया सरकारी ख़ज़ाने से एयर इंडिया को भुगतान किया जाता है,,,,,
फ़्लाईट के टेन्डर के वक्त एबीएशन मिनिस्टरी और सेन्ट्रल हज कमेटी के मेमबरान के मशवरे भी लिये जाते है,,,हाजियों से ही वसूल किये गये पैसों में से कुछ पैसे सरकार हज सब्सिडी के नाम पर हाजियों को वापस कर दिए जाते है, और इस हज सब्सिडी की आड़ मे सरकार इन्डियन एयर लाइन के साल भर के घाटे की भरपाई कर रही है, दूसरी तरफ सऊदिया सरकार इंडियन एयरलाइन्स को हाजियों की वापसी का """पैट्रोल """मुफ़्त मुहय्या करवाती है,
हाँ सब्सिडी ख़त्म होने पर हाजियों पर 5 से 10 हज़ार का बोझ तो बढ़ सकता है परंतु मुस्लिम ऑर्गनाइज़ेशन्स और देश के मुस्लिमों ने हमेशा हज सब्सिडी को ख़त्म करने की मांग भी की है, सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को हुक्म दिया था कि दस साल के अन्दर मुसलमानों को हज के दौरान दी जाने वाली सब्सिडी ख़त्म करे, सुप्रीम कोर्ट के उस वक्त के जस्टिस आफ़ताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की बैंच ने ये तारीखी फ़ैसला देते वक्त कुरान-ए-करीम का हवाला भी दिया था जिसमें
ये कहा गया है कि हज मुसलमान को अपने ख़र्च पर ही हज अदा करना चाहिये, मगर देश के मुसलमान चाहते हैं, की हज सब्सिडी जल्द से जल्द ख़त्म कर दी जाये, यह पहली सब्सिडी है जिस कौम को मिल रही है वही कौम इसे बंद करने की मांग भी कर रही है, अगर भारत सरकार हज सब्सिडी बंद कर दे तो हाजी अपनी पसंद की एयर लाईन्स से जा सकेंगे, और अपनी पसंद के होटल में ठहर सकेंगे, ना एक ही एयर लाईन्स से जाने का झंझट होगा और ना एक ही होटल में ठहरने की मज़बूरी, अगर हज सब्सिडी बंद कर दी जाये तो प्राइवेट एयर लाईन्स हाजियो के लिए कई किफायती स्कीमें लांच करेंगी, जिसका सीधा फायदा हाजियो को होगा, इसलिए देश के मुसलमान चाहते हैं, की हज सब्सिडी फ़ौरन बंद कर दी जाये।

आख़िर में अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से दुआ है की वो अपने प्यारे महबूब हज़रत मोहम्मद मुस्तुफ़ा ﷺ के सदके में तमाम उम्मतियों को हज नसीब फ़रमाए।

आमीन या रब्बुल आल'मिन

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