Monday, 28 August 2017

Poet Pradeep On Dhongi Baba

कवि प्रदीप ने बरसों पहले ही लिख दिया था-

राम के भक्त रहीम के बंदे
रचते आज फ़रेब के फंदे
कितने ये मक्कार ये अंधे
देख लिये इनके भी धंधे
इन्हीं की काली करतूतों से
बना ये मुल्क मशान
कितना बदल गया इंसान !!
💐🙏

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