ये किस तरह की जनता है भारत की ?
जब एक निर्भया सरे आम निर्वस्त्र करके सड़क पर फेंक दी जाती है तो लोग तमाशा देखते रहते हैं....
बाद में कैंडल मार्च करते हैं!
लेकिन आशाराम व राम रहीम जैसे बलात्कारियों के लिए ये जनता सड़क पर उतर आती है ?
अपने परिवार की औरतों को उनके आश्रम में exploit होने के लिये खुद भेजते हैं ?
औरतें घर मे सास ससुर के पैर नही दबा सकती लेकिन बाबा के कमरे में पैर दबाने पहुंच जाती है !!
ये बात किसी सरकार की नहीं भृमित समाज की है जो ढोंगी बाबाओं को भगवान बना देती है।जब हर घर मे एक भगवान का मंदिर है तो बाबाओं के पास क्या करने जाते है ?
इन कुत्सित बाबाओं को भगवान बनाने वाली जनता है, इंसानों में भगवान देखना छोड़ दें.... अच्छे कर्मों पर विश्वास करिये बस आप गंगा की तरह पवित्र हो जाएंगे।
भगवान को बड़ी गाड़ियों व महलों में रहने की ज़रूरत नहीं!
अभी बात खत्म नही हुई है और भी बहुत से बाबाओं की पोल खुलनी बाक़ी है।
इंतज़ार करिये!!
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