Wednesday, 16 November 2016

Difference Between Thinking And Understanding In Hindi

‼ सोच और समझ में अंतर ‼
Network Marketing A Positive Approach-

●एक डॉ.चाहता है कि हर आदमी बीमार हो.!
●वकील चाहता है कि हर आदमी झगड़ालू हो.!
●पुलिस चाहती है कि हर आदमी जुल्मी हो.!
●ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी मजदूर हो.!
●दारू का ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी शराबी हो.!
●बैंक चाहता है कि हर आदमी कर्जदार हो.!
●नेता चाहता है कि हर आदमी भोला-भाला और अनपढ़ हो.!
●पुजारी चाहता है कि हर आदमी अन्धविश्वास में डूबा रहे.!
●तांत्रिक चाहता है कि हर आदमी भूत-प्रेतों से डरता रहे.!
लेकिन
एक नेटवर्कर ही है, जो हमेशा चाहता है, कि हर स्त्री-पुरुष  जीवन में सफलता प्राप्त करके आगे बढ़े। जिससे वह स्वयं का, अपने परिवार का, मानव समाज का और देश का विकास करे।               ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
👉 आइए, नेटवर्कर वर्ग का सम्मान करें
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