स्वर्ण कितना भी मूल्यवान क्यों ना हो किन्तु सुगंध पुष्प से ही आती है। श्रृंगार के लिये दोनों का ही जीवन मे महत्व है।
इसी तरह ज्ञान कितना भी मूल्यवान क्यों ना हो, किन्तु उसकी सुगंध बिना आचरण के नही आ सकती।
संग्रह किए हुए ढेर सारे ज्ञान की अपेक्षा आचरण में उतरा हुआ रत्ती भर भी ज्ञान श्रेष्ठ है
सुप्रभात दोस्तों आपका दिन शुभ हो
भाग्यशाली
वे नही होते जिन्हें
सब कुछ अच्छा
मिलता है
बल्कि वे होते हैं
जिन्हें जो मिलता है,
उसे वो अच्छा
बना लेते हैं
😊😊
जय कल्याण
🙏🙏
🌻🌸🌻🌸🌻🌸🌻🌸🌻
रुकावटे तो ज़िंदा इंसानों के लिए होती है
अर्थी के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते है "चरण उनके पूजे जाते है
जिनके आचरण पूजने योग्य हो"
"अगर इन्सान की पहचान करनी हो तो
सूरत से नही. सीरत से करो"
"क्यूंकि सोना
अक्सर लोहे की तिजोरी में
ही रखा जाता है!"
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