Sunday 12 June 2016

सेहत और सामाजिक उत्तरदायित्व से सम्बंधित कुछ सूचनाएं

Etiquette Of Drinking Wine

शराब पीने के लिए किसी बार में न जाये वहां सिगरेट के धुएं का पॉलुशन कुछ ज्यादा ही होता है ( घर में आप के अकेले के सिगरेट पीने से उतनी तकलीफ नहीं होती )
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घर में शराब पीने से टल्ली होने के बावजूद समाज में दुर्व्यवहार करने से बच जाते है और इससे आप शारीरिक हानि होने से बच जाते है ( मार - पिट वगैरह )
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घर में शराब पीने से आप के टल्ली हो के नाली में गिरने की सम्भावना खत्म हो जाती है और समाज आप को घर छोड़ने के उत्तरदायित्व से मुक्त हो जाता है।
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कृपया शराब खरीदने जाते वक़्त पैदल जाये और किसी दूर की दूकान का चयन करे, दूर की दूकान होने की वजह से आप ज्यादा चलेंगे और ज्यादा कैलोरी जलाएंगे
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पास की दूकान से शराब खरीदने से अड़ोसी - पड़ोसियों को पता चलने का खतरा होता है ( इसका इज्जत से सम्बन्ध न हो कर उनके मुफ्त की शराब पीने के लिए घर आने का खतरा बढ़ने की सम्भावना है और उनको मना करने से आप समाज में असामाजिक तत्व साबित होने का अंदेशा है )
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शराब खरीदने जाते वक़्त घर से ही कपड़े की थैली ले जाये और प्लास्टिक का प्रयोग न करे ये पर्यावरण के लिए नुकसानदेह होता है।
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कृपया शराब उधारी में न ख़रीदे, उधारी समाज में फैली हुई कुरीति है ।
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कृपया शराब पीते वक़्त बरफ का इस्तेमाल न करे क्योंकि आयुर्वेद के हिसाब से ये कफ कारक होता है।
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कृपया खार - चखणें में बाहर की तली - गली वस्तुओं का प्रयोग न करे ये सेहत के लिए हानिकारक होती हैं, अपितु घर पे बने हुए लाइट भजिये या पकोड़े खायें।किसी जानकारी वाली दूकान से खरीदी हुवी सेंव - मिच्चर का प्रयोग करे।
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भजिये तलने के लिए ऑलिव ऑइल का प्रयोग लाभकारी हो सकता है।
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शाम को जल्दी ही पीना प्रारंभ करे ताकि वक़्त पे खाना खा कर सही वक़्त पे सो सके।
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हर पेग के बाद सिगरेट पीते हुए चहलकदमी जरूर करे इससे शरीर को जड़त्व की अनुभूति नहीं होगी।
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कृपया अपनी मर्यादा में ही पियें। अगर आपका रोज का कोटा हाफ बोतल का है तो अनुशासन में रहे और उससे ज्यादा न पिये।
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नियमित रूप से एक ही ब्रांड की शराब का सेवन करे इससे आपके शरीर- शराब के बीच समन्वय बना रहेगा।
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पीने के लिए स्टील के गिलास का इस्तेमाल करे इससे आपके पेग का साइज़ देख के दूसरे का मन विचलित नहीं होगा और गिलास टूट के चोट लगने का खतरा भी नहीं रहता।
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खाने के बाद पान जरूर खाये ये आपके पाचन क्रिया को सुचारु रखेगा और पान की दूकान नियमित जाने से आपको सामाजिक गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी।
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अटाले - भंगार वालो को ज्यादा से ज्यादा शराब की खाली बोतलें देने की कोशिश करे ताकि उन्हें भी रोजी - रोटी मिल सके।
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शराब पी कर झगड़ा होने की स्थिति में गाली - गलौज करते वक़्त अपनी मातृभाषा के अलावा दूसरी भाषा की गालियों का भी अभ्यास करे ताकि सभी भाषाओँ का उचित ज्ञान और सम्मान बना रहे।

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