कुछ बेहतरीन शब्द पढे़.
• बहुत गहराई है इनमें..
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• बहुत गहराई है इनमें..
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बिना लिबास आए थे इस
जहां में,
बस एक कफ़न की खातिर,
इतना सफर करना पड़ा
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जहां में,
बस एक कफ़न की खातिर,
इतना सफर करना पड़ा
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समय के एक तमाचे की देर
है प्यारे,
मेरी फकीरी भी क्या,
तेरी बादशाही भी क्या..
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है प्यारे,
मेरी फकीरी भी क्या,
तेरी बादशाही भी क्या..
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जैसा भी हूं अच्छा या बुरा
अपने लिये हूं,
मै खुद को नही देखता औरो
की नजर से..
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अपने लिये हूं,
मै खुद को नही देखता औरो
की नजर से..
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मुलाकात जरुरी हैं,
अगर रिश्ते निभाने हो,
वरना लगा कर भूल जाने से
पौधे भी सूख जाते हैं..
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अगर रिश्ते निभाने हो,
वरना लगा कर भूल जाने से
पौधे भी सूख जाते हैं..
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नींद आए या ना आए,
चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का
जलना, हमसे देखा नहीं
जाता..
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चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का
जलना, हमसे देखा नहीं
जाता..
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मोबाइल चलाना अब जिसे
सिखा रहा हूँ मैं,
पहला शब्द लिखना उसने
मुझे सिखाया था..
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सिखा रहा हूँ मैं,
पहला शब्द लिखना उसने
मुझे सिखाया था..
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यहाँ हर किसी को,
दरारों में झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो तो कोई
पूछने भी नहीं आएगा..
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दरारों में झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो तो कोई
पूछने भी नहीं आएगा..
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तू अचानक मिल गई तो
कैसे पहचानुंगा मैं,
ऐ खुशी....तू अपनी एक
तस्वीर भेज दे..
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कैसे पहचानुंगा मैं,
ऐ खुशी....तू अपनी एक
तस्वीर भेज दे..
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इसी लिए तो बच्चों पे नूर
सा बरसता है,
शरारतें करते हैं, साजिशें तो
नहीं करते..
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सा बरसता है,
शरारतें करते हैं, साजिशें तो
नहीं करते..
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महँगी से महँगी घड़ी पहन
कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से
कभी ना चला..
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कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से
कभी ना चला..
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यूं ही हम दिल को साफ रखा
करते थे ..
पता नही था की, ‘कीमत
चेहरों की होती है..
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करते थे ..
पता नही था की, ‘कीमत
चेहरों की होती है..
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दो बातें इंसान को अपनों से
दूर कर देती हैं,
एक उसका ‘अहम’ और
दूसरा उसका ‘वहम’..
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दूर कर देती हैं,
एक उसका ‘अहम’ और
दूसरा उसका ‘वहम’..
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पैसे से सुख कभी खरीदा
नहीं जाता,
और दुःख का कोई खरीदार
नहीं होता.
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नहीं जाता,
और दुःख का कोई खरीदार
नहीं होता.
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मुझे जिंदगी का इतना
तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी में लोग
जीने नहीं देते.
तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी में लोग
जीने नहीं देते.
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