Thursday, 19 November 2015

Payal Aur Bindi, Geeta Aur Quran

पायल हज़ारो रूपये में आती है पर पैरो में पहनी जाती है
और....
बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है।
इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते,
और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते....
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है।
पढ़कर प्रतिकृया अवश्य दें।

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