Mohammad Imran Khan, इमेज सोर्स दैनिक भास्कर |
पीएम मोदी द्वारा लन्दन में अपनी तारीफ किये जाने पर खुद इमरान को भी यकीन नहीं हो रहा है। उन्होंने मीडिया के पूछे जाने पर कहा कि "जल्दी बूम हो गया" शायद उन्हें अपने द्वारा शिक्षा के लिए किये गए इस योगदान को लेकर इतनी बड़ी अपेक्षा नहीं थी। पर दुनिया में दूसरों की भलाई के लियें निस्वार्थ भावना से किये गए कार्य किसी इंसान को एक ही झटके में कैसे हीरो बना देते हैं आज इमरान खान इसकी मिसाल बन चुके हैं।
बचपन से एक कहावत सुनते आ रहे हैं कि "कीचड़ में ही कमल खिला करते हैं" इस पर आज यकीन और पक्का हो गया जब इमरान खान के बड़े भाई इस्माइल खान ने बताया कि बचपन में इमरान ने अपने गाँव खरेडा में रहकर पढाई की जहाँ बिजली न होने के कारण वो लालटेन की रौशनी में पढ़ा करते थे। उन्होंने ये भी बताया की इमरान ने सूचना तकनीकी में कोई परंपरागत कोर्स या डिग्री नहीं की है बल्कि जो कुछ सीखा है, वो अपनी जानने की उत्सुकता के चलते सीखा है। इससे ये भी सिद्ध होता है कि जब इन्सान में कुछ करने की ललक होती है और इरादे नेक होते हैं तो संसाधनों की कमी भी उसका रास्ता नहीं रोक सकती। और वो अपनी मंजिल पा कर रहता है। देश के सबसे बड़े नेता के मुहं से सात समुद्र पार सारी मीडिया के सामने किसी की तारीफ़ किये जाना किसी बड़े पुरुष्कार से कम नहीं है।
बहुत गरीबी में पले बढे इमरान आज अलवर जिले के राजकीय संस्कृत माध्यमिक विधालय में गणित शिक्षक के पद पर तैनात हैं। इमरान को वर्ष 2011 में स्कूल की वेबसाइट बनाने का काम सोंपा गया था। उसके बाद उसी समय के जिला कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर ने शिक्षा में सुधार लाने के लिए एकता प्रोजेक्ट शुरू किया और इमरान को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा। अलवर में शिक्षा और तकनीकी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट 'एकता' की शुरुआत की गयी थी।
इमरान के अन्दर गणित और विज्ञानं को लेकर जूनून तो बचपन से ही था। वह वैज्ञानिक बनना चाहते थे पर पारिवारिक परिस्थितियों के चलते उन्हें हालात से समझोता करना पड़ा। पर हालात उस वक़्त बदल गए जब उनके छोटे भाई इदरीस ने अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद अपना कंप्यूटर इमरान के हवाले कर दिया। इसी PC पर "गूगल गुरुदेव" और अपने भाई की इंजीनियरिंग की किताबों की मदद से इमरान ने ये कारनामा कर दिखाया। आज उनकी 15 साल की बड़ी बेटी सामिया भी एप्स डिजाइनिंग में अपने पिता का हाथ बटाती है।
वर्ष 2012 में इमरान ने मोबाइल एप्स बनाना शुरू किया। अभी तक वे Computer Fundamentals, General Science In Hindi, Hindi Grammar, NCERT Social Science, King Of Maths, 20-20 Chemistry Quiz से लेकर Indian Political General Knowledge, और Indian Constitution जैसे 52 शिक्षा उपयोगी free Android apps बना चुके हैं और इन जैसे अनेक Useful Apps बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने ये सभी ऐप्स किताबेंं और गूगल की मदद से डेवलप की हैं। वे कहते हैं की उन्हें एप्स बनाने में आनंद आता है। वह अपने इसी आनंद और लोगों के सेवा के लियें इस काम में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि सब कुछ पैसों के लियें नहीं किया जाता। वे ये एप्स ऐसे लोगों के लियें बनाते हैं जो गरीब हैं और एप्स खरीद नहीं सकते । 2012 में उनके एप्स लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं और अब तक लगभग 4 करोड़ स्क्रीनव्यू हो चुके हैं।
अपने दो कमरों के मकान में अपनी बीवी कश्मीरी और तीन बच्चे सामिया(15) , सानिया(11), और जुनैर(5) के साथ बेहद सदा ज़िन्दगी जीते हैं। 3 साल में 52 एंड्रॉइड ऐप और 100 से ज्यादा वेबसाइट्स तैयार करने वाले इमरान के घर टीवी नहीं है। इमरान को इस बात पर ख़ुशी और हैरानी हुयी कि विदेश में प्रधान मंत्री मोदी ने उदहारण देने के लियें उन्हें चुना।
Image Source Dainik Bhaskar |
इमरान को BSNL का Free Internet Offer-
इमरान खान को BSNL ने फ्री इन्टरनेट सुविधा देने की पेशकश की है जिससे वे छात्रों के लियें और Useful Applications बना सकें। टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार सुबह इमरान को फ़ोन पर बधाई दी।
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शुक्रिया
ReplyDeleteपढ़ कर अच्छा लगा आपका आलेख...............:)