यह सियासत की बेहद उम्दा तस्वीर है। हमें यह समझना होगा कि नफरत की दीवारें हुक्मरानों के बीच नहीं......तो फिर देश के हम आम लोग क्यों एक दूसरे से मुंह मोड़ लेते हैं।
कई दफा देखा गया है कि लोग किसी राजनीतिक मुद्दे पर पोस्ट डालते हैं और मित्र आपस में ही नफरत पाल लेते हैं।
मत खीचिए अपने बीच लकीरें क्योंकि जिनके घरों से यह लकीरें निकलती हैं उन लोगों में आपसी नफरत नहीं होती वो तो हमेशा ही गर्मजोशी से मिलते हैं, एक दूसरे के पलों में शरीक भी होते हैं, यहाँ तक भी देखा गया है वो सत्ता पाने के बाद अपने ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को इसलिए भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं क्योंकि अब सत्ता उनके पास है और अब उन की बारी है मज़ा करने की।
तो प्रिय मित्रों किसी भी पार्टी का समर्थन कीजिये पर आपस में मनभेद मत कीजिये क्योंकि किसी ने सच ही कहा है.....!!
कुछ तो खासियत है, इस प्रजातंत्र में,
वोट देता हूँ फकीरों को, कमबख्त शहंशाह बन जाते हैं....😊🙂
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